अब पेंशनरों को नहीं होना पड़ेगा परेशान
जासं, इलाहाबाद : सूबे के पेंशनरों की पेंशन संबंधी किसी भी तरह की समस्या का निस्तारण अब तेजी से होगा।
जासं, इलाहाबाद : सूबे के पेंशनरों की पेंशन संबंधी किसी भी तरह की समस्या का निस्तारण अब तेजी से होगा। दरअसल, पेंशनरों की समस्याओं पर मंथन कर उसका हल निकालने के लिए शासन ने 'पेंशनर सलाहकार समिति' का गठन किया है। 23 सितंबर को इसका आदेश भी जारी हो गया। 15 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष प्रमुख सचिव वित्त और सचिव विशेष सचिव वित्त (सामान्य) को बनाया गया है। जबकि प्रमुख सचिव न्याय, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव कार्मिक, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, अध्यक्ष संयुक्त पेंशनर्स समंवय समिति लखनऊ, अध्यक्ष गवर्नमेंट पेंशनर्स वेल्फेयर आर्गनाइजेशन लखनऊ को सदस्य बनाया गया है। इसी प्रकार अध्यक्ष पेंशनर्स वेल्फेयर एसोसिएशन सचिवालय, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राजकीय सिविल पेंशनर परिषद, विशेष सचिव एवं निदेशक पेंशन, निदेशक कोषागार और निदेशक पेंशन, विशेष सचिव वित्त लेखा भी बतौर सदस्य समिति में शामिल किए गए हैं।
तीन महीने में एक बार होगी बैठक
समिति की बैठक लखनऊ में तीन महीने में कम से कम एक बार होगी। हालांकि, समिति अध्यक्ष के अनुमोदन से तीन महीने पहले भी बैठक बुलाई जा सकती है। बैठक में मान्यता प्राप्त पेंशनर संगठनों के पदाधिकारी भी बुलाए जाएंगे।
समिति के क्या हैं कार्य
- पेंशनर्स एसोसिएशनों के जरिए प्राप्त ऐसे गंभीर मामलों में जिसमें पेंशन स्वीकृत होने के बाद भी विलंब हो रहा हो और संबंधित अधिकारी सुनवाई न कर रहा हो, तो समिति उसकी सुनवाई करेगी।
-एसोसिएशनों की ओर से पेश मांगो पर मंथन कर समुचित कार्रवाई के लिए समिति संस्तुति करेगी।
-समिति पेंशनरों के कल्याण के संबंध में विचार करेगी और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में संस्तुति करेगी।
-अन्य कोई कार्य जिसे समिति उचित समझेगी अथवा शासन उसे सौंपेगा, का निपटारा करेगी।
-पेंशनर अथवा पेंशनर एसोसिएशन अपनी समस्याओं और मांगो को सदस्य सचिव को देंगे। जो अपनी टिप्पणी समेत समिति के विचारार्थ रखेंगे।