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किराएदारी भवनों का सर्वे अब तक नहीं

जासं, इलाहाबाद : ऐसे भवनों का सर्वे अब तक शुरू नहीं हो सका है, जिनमें किराएदार रहते हैं जबकि ऐसे भवन

By Edited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 05:43 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 05:43 PM (IST)

जासं, इलाहाबाद : ऐसे भवनों का सर्वे अब तक शुरू नहीं हो सका है, जिनमें किराएदार रहते हैं जबकि ऐसे भवनों का सर्वे कराने का निर्णय करीब दो साल पहले नगर निगम सदन की बैठक में लिया गया था। उद्देश्य था कि पुराने भवनों पर छूट देने से निगम को जो आर्थिक क्षति होगी, उसकी भरपाई किराएदारी वाले मकानों से की जाएगी।

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नगर निगम सीमा क्षेत्र में करीब एक लाख 85 हजार मकान बने हैं, जिनके भवन स्वामियों से गृहकर लिया जाता है। दो वर्ष पूर्व 10 वर्ष तक के भवनों पर 25 फीसद, 10 से 20 वर्ष तक के मकानों पर 32.5 प्रतिशत और 20 वर्ष के ऊपर के भवनों पर गृहकर मद में 40 फीसद छूट का प्रावधान सदन से किया गया था। यह तय हुआ था कि 40 वर्ष तक के पुराने भवनों में यदि किराएदार रहते हैं तो उनको छूट का लाभ नहीं मिलेगा, साथ ही 25 फीसद उनसे अतिरिक्त गृहकर लिया जाएगा। 40 साल ऊपर के भवन में किराएदारों के रहने पर न तो छूट देने और न ही गृहकर बढ़ाने का भी निर्णय हुआ था।

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कामर्शियल भवनों को नोटिस कामर्शियल भवनों के सर्वे का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। कामर्शियल भवन स्वामियों को अगले सप्ताह से रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी जाएगी।

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कर्मचारियों की कमी के कारण किराएदारी वाले मकानों का सर्वे नहीं हो सका। कामर्शियल भवनों का सर्वे पूरा हो चुका है। अब किराएदारी वाले मकानों का भी सर्वे कराया जाएगा।

-पीके मिश्र, मुख्य कर अधिकारी।


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