'सरकारी उपेक्षा से वेंटिलेटर पर थियेटर'
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : दूरदर्शन पर कभी चर्चित रहे सीरियल 'रजनी' में महत्वपूर्ण किरदार निभाने व
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : दूरदर्शन पर कभी चर्चित रहे सीरियल 'रजनी' में महत्वपूर्ण किरदार निभाने वाले हास्य कलाकार राकेश बेदी इन दिनों थियेटर में सक्रिय हैं। इनके नाटक 'मेरा वो मतलब नहीं था..' ने देशभर में धूम मचा रखी है। फिल्मों की तरह इस नाटक के टिकट एडवांस में खरीदे जा रहे हैं। बावजूद इसके वह थियेटर के गिरते स्तर से आहत हैं। वह इसके लिए सरकार की उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराते हैं। कहते हैं कि थियेटर का इतिहास तीन हजार साल पुराना है, उसमें आज भी कलाकारों की आत्मा बसती है। लेकिन सरकारी उपेक्षा से यह आज वेटिंलेटर पर है।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में चल रहे 'रंगोत्सव' में भाग लेने को शहर आए राकेश बेदी ने कहा कि दर्शकों के सामने सजीव रूप से अभिनय करने का अपना मजा है। पर्दे पर और टेलीविजन में वो बात कहां है। कहा कि सरकार को क्या पड़ी है कि वो थियेटर की दुनिया को आबाद करने के लिए कोई प्रयास करे। ज्यादा आवाज उठती है तो थियेटर के लिए ग्रांट मिल जाती है लेकिन उसका सही प्रयोग हो रहा है या नहीं उसे देखने वाला कोई नहीं है। थियेटर के उत्थान को हर शहर में उसे शुरू करने की जरूरत है। शो के लिए संस्थाओं की मदद करनी चाहिए और प्रचार-प्रसार के लिए 75 प्रतिशत छूट की व्यवस्था होनी चाहिए। 'ये जो है जिंदगी, श्रीमान-श्रीमती और यस बास' जैसे टीवी धारावाहिक के बाद स्वयं के टेलीविजन की दुनिया से गायब होने के बारे में उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में टेलीविजन की दुनिया का स्वरूप बदल गया है। जो बहुत कुछ मांगता है, यही कारण मैंने 2009 में ब्रेक लिया और यही वो समय था, जब मेरे मन में थियेटर की दुनिया में फिर से लौटने का विचार आया। करीब तीन-चार साल की मेहनत के बाद तैयार हुआ 'मेरा वो मतलब नहीं था..' जिसे मैंने खुद लिखा है, अनुपम खेर और नीना गुप्ता जैसे कलाकार इसके जरिये थियेटर में लौटे। बताया कि इस नाटक को जनता काफी पसंद कर रही है। सात मार्च से अब तक 15 शो हो चुके हैं जिनमें हर शो की एडवांस बुकिंग हुई है।