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भरी कचहरी नूतन ठाकुर से बदसलूकी

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : वकील नबी की हत्या के आरोप में जेल में बंद दारोगा शैलेन्द्र सिंह की जमानत

By Edited By: Published: Fri, 26 Jun 2015 12:57 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2015 12:57 AM (IST)

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : वकील नबी की हत्या के आरोप में जेल में बंद दारोगा शैलेन्द्र सिंह की जमानत अर्जी दाखिल करने पहुंची आइजी सिविल डिफेंस अमिताभ ठाकुर की पत्‍‌नी व सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर के साथ जिला न्यायालय में जमकर बदसलूकी की गई। तमाम अधिवक्ता श्रीमती ठाकुर के साथ गाली-गलौज करते हुए धक्का मुक्की करने लगे। जमानत याचिका से संबंधित कागजात भी छीन कर फाड़ने की कोशिश की गई। हालात यह रहे कि न्यायालय परिसर के बाहर से लेकर कोर्ट के अंदर तक लगातार बवाल होने के चलते श्रीमती ठाकुर कोर्ट में जमानत अर्जी पेश नहीं कर सकीं। पूरे घटनाक्रम के दौरान वहां मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। घटना से क्षुब्ध नूतन ने कर्नलगंज थाने में अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ बदसलूकी करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

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11 मार्च को हुए अधिवक्ता नबी अहमद हत्याकांड के आरोप में जेल में बंद दारोगा शैलेन्द्र सिंह की गिरफ्तारी के तीन माह बाद भी जमानत नहीं हो सकी है। मुकदमे की पैरवी करने के लिए जिला अदालत के अधिवक्ताओं के साफ इंकार करने के बाद दारोगा की पत्‍‌नी सपना ने डॉ. नूतन ठाकुर से संपर्क किया था। गुरुवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे नूतन दारोगा की पत्‍‌नी सपना और उनके मामा के साथ कोर्ट पहुंची। यहां जमानत के लिए कागजात तैयार कराने लगीं। इसी दौरान उन्हें कई अधिवक्ताओं ने घेर लिया। अधिवक्ताओं ने इलाहाबाद जिला अधिवक्ता संघ का वकालतनामा लाने की बात कही। अधिवक्ताओं से घिरी नूतन भयवश बाहर निकल गई। बाद में उन्होंने सपना के जरिए कागजात तैयार करवाया। कुछ देर बाद वह पुलिस अभिरक्षा में सीजेएम कोर्ट पहुंची तो वहां भी अधिवक्ताओं ने घेर लिया और फिर से गाली-गलौज, धक्का-मुक्की शुरू कर दी। वह चेंबर में दाखिल हुई तो वहां भी बदसलूकी की गई। एसीजेएम द्वितीय के कक्ष में न्यायिक कार्य करने से अधिवक्ता रोकते रहे। जिला जज के दफ्तर में पहुंचते ही एक बार फिर वकीलों ने उन्हें घेर लिया और जमानत अर्जी के कागजात फाड़ने का प्रयास किया। विरोध करने पर उन्हें और उनके पति को गालियां दी गईं। साथ ही श्रीमती ठाकुर का सहयोग करने पर अदालत में कार्यरत कर्मचारियों को भी धमकी दी गई। यह बवाल तब तक चलता रहा जब तक कि अर्जी देने का समय समाप्त नहीं हो गया।

आज फिर करेंगी प्रयास

नूतन का कहना है कि उन्होंने पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी, एसएसपी और जिला जज से की है और उनसे सुरक्षा की मांग की है। बताया है कि यहां उनके साथ अप्रिय घटना हो सकती है, लिहाजा उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाए। कहा कि वह शुक्रवार को वापस जिला न्यायालय जाएंगी और जमानत याचिका दाखिल करेंगी।

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अभियोजन की स्वीकृति के बिना दाखिल की चार्जशीट

नबी हत्याकांड के आरोपी दारोगा शैलेन्द्र के मामले में आइजी सिविल डिफेंस अमिताभ ठाकुर ने पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कर्नलगंज पुलिस ने बिना अभियोजन की स्वीकृति के ही चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। सीआरपीसी की धारा 197 न लगाकर पुलिस यह बता रही कि दारोगा सरकारी कार्य से कोर्ट नहीं गए थे। जबकि सच्चाई यह है कि वह एक मामले में गवाही देने गए थे। इतना ही नहीं पुलिस की केस डायरी में भी यही लिखा गया है। पुलिस के ऐसा न करने से सरकार की ओर से मुकदमे की पैरवी नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह ऐसी लापरवाही करने वाले पुलिस कर्मियों की शिकायत शासन से करेंगे और चार्जशीट पर पुन: विचार करने की मांग करेंगे। नबी की हत्या पर दुख जताते हुए अमिताभ ठाकुर ने यह भी कहा कि सिपाही अजय नागर को गोली मारने वालों की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए। उन्होंने इस दौरान कहा कि एफआइआर में नबी के पिता को घटना के वक्त कचहरी में होना बताया गया है कि जबकि मोबाइल कॉल डिटेल से पता चला है कि वह उस वक्त नैनी के आगे मौजूद थे।


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