फिर चढ़ा पारा, लू ने ली अधेड़ की जान
जासं, इलाहाबाद : जनपद का तापमान फिर चढ़ने लगा। गुरुवार को अधिकतम पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहु
जासं, इलाहाबाद : जनपद का तापमान फिर चढ़ने लगा। गुरुवार को अधिकतम पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। लू ने अपना असर दिखाया, जिसकी चपेट में जहां अधेड़ की जान चली गई, वहीं वृद्ध को गंभीर हालत में एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भीषण गर्मी से जनजीवन अस्तव्यस्त नजर आया। चिलचिलाती धूप से लोग परेशान नजर आए।
मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। कभी पारा चढ़ रहा तो कभी उतर रहा। पिछले दिनों पारा 48 डिग्री के करीब पहुंच गया। तीन चार दिनों से इसमें नरमी आई थी। 44 डिग्री के करीब पहुंचने के बाद पारा फिर से चढ़ने लगा।
गुरुवार को अधिकतम पारा 45.7 व न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। सुबह से गरम हवाएं चलने लगी थीं। सूर्य देव के तेवर भी तीखे थे। दोपहर होते होते तो आसमान से आग बरसते नजर आई। भीषण गर्मी के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। तपिश के कारण लोग घरों में ही दुबके रहे। दिन में घर से निकलने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाए। शाम होने के बाद भी लोग गर्मी से बेहाल नजर आए। उधर, गुरुवार को लू की चपेट में आने से बारा तहसील के छिड़िया गांव निवासी राम सजीवन 56 की मौत हो गई। जबकि बड़े हनुमान मंदिर के समीप लू की चपेट में आए एक वृद्ध को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। होश आने पर ही उसका नाम व पता चल सकेगा।
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आईसीयू में उबल रहे मरीज
-हर तरफ बेहाली, वार्डो में भी खराब पड़े हैं पंखे
जासं, इलाहाबाद : स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की बेहाली इसी बात से समझी जा सकती है कि यहां के आईसीयू में भी भर्ती मरीजों को गर्मी में तड़पना पड़ रहा है। अन्य वार्डो की स्थिति भी कमोवेश यही है। अस्पताल परिसर में तीमारदारों को भी भीषण गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है।
अस्पताल के मेडिसिन आईसीयू के दोनों वार्डो में कहने को चार-चार एयर कंडीशनर लगे हुए हैं, पर सब के सब बेकार। यही कारण है कि कई मरीज यहां से अन्यत्र चले गए। बिल्डिंग के ऊपरी तल पर होने के कारण भी उक्त वार्डो में गर्मी कुछ ज्यादा ही लगती है। पंखों की हवा इस वार्ड में बेअसर हो जाती है। कुछ मरीजों के पास तो स्टैंड वाले पंखे लगाए गए हैं। तीमारदारों ने खुद यह व्यवस्था की है। वार्ड में लगे अन्य उपकरण भी ठीक तरीके से काम नहीं कर रहे। वार्ड में घुसते ही दुर्गध का अहसास होता है। इन वार्डो के बाहर बने विश्रामालय में भी पंखे आदि नदारद हैं। तीमारदार यहां हाथ वाले पंखे से गर्मी दूर भगाने का प्रयास करते मिल जाते हैं। अस्पताल के अन्य वार्डो में भी पंखों के खराब रहने के कारण मरीजों व तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्राइवेट रूमों की हालत भी बदतर बनी हुई है। यहां के दो प्राइवेट रूम में ही एयर कंडीशनर सही हैं। बाकी में खराब पड़े हुए हैं। अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. करुणाकर द्विवेदी ने बताया कि आईसीयू के चार एसी मरम्मत के लिए भेजी गई हैं। अन्य वार्डो में खराब पंखों की मरम्मत कराई जा रही है।