यूपी बोर्ड के अंकपत्रों में भारी गड़बड़ी
केस एक आरकेएमएन इंटर कालेज फतेहपुर के छात्र विवेक सिंह ने विज्ञान वर्ग से इंटरमीडिएट की परीक्षा पा
केस एक
आरकेएमएन इंटर कालेज फतेहपुर के छात्र विवेक सिंह ने विज्ञान वर्ग से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। उन्हें हर विषय में 80 प्रतिशत से अधिक अंक मिले लेकिन योग नहीं दर्ज हुआ। उसे ठीक कराने को वह भटक रहे हैं।
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केस दो
जीजीआइसी इलाहाबाद की छात्रा सोनल ने हाईस्कूल में सभी संबंधित विषयों की परीक्षा दी। इसमें अंग्रेजी विषय भी शामिल था। मगर इंटरनेट से निकलने वाले अंक पत्र की छायाप्रति में वह अंग्रेजी विषय में अनुपस्थित हैं।
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केस तीन
जीआइसी इलाहाबाद के छात्र हर्ष ने इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग से परीक्षा पास की लेकिन इंटरनेट से निकलने वाले अंक पत्र में उनका विषय विज्ञान, अंग्रेजी के अलावा कला, उर्दू, संगीत भी दर्ज है। इससे वह परेशान हैं।
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जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : किसी का नाम गलत है, तो किसी का विषय ही गायब हो गया। कई छात्रों की जन्मतिथि कम है तो कइयों की उम्र कई साल बढ़ा दी गई है। यह स्थिति यूपी बोर्ड द्वारा जारी हाईस्कूल-इंटर परीक्षा के अंक पत्र की है। अंक पत्र में न सही प्राप्तांक दर्ज हैं, न ही विषय। कई परीक्षार्थी तो परीक्षा में शामिल होने के बावजूद अनुपस्थित दिखाए गए हैं। इंटरनेट से निकलने वाले अंक पत्र को देख सबके होश उड़ गए हैं। ऐसी स्थिति केवल इलाहाबाद ही नहीं प्रदेश के लगभग सभी जनपदों की है। ऐसे में मूल अंकपत्र ठीक कराने के लिए छात्र-छात्रा व उनके परिजन विद्यालयों का चक्कर काट रहे हैं। विद्यालयों के प्रबंधक बोर्ड का मसला बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। पूरे मामले में यूपी बोर्ड के अधिकारी बोलने से बच रहे हैं।
बोर्ड परीक्षा से पहले छात्र-छात्राओं का जो फार्म भराया गया, ओएमआर सीट पर वह ठीक से दर्ज नहीं हुआ। विद्यालय प्रबंधन ने बिना उचित जांच पड़ताल किए उसे बोर्ड कार्यालय को भेज दिया। रही सही कसर बोर्ड में पूरी हो गई। वहां भी मनमाने तरीके से अंक पत्र बना दिए गए। इसके चलते अंक पत्र में नंबर व विषय ठीक से दर्ज नहीं हुए। इससे परीक्षा देने व अच्छे अंक मिलने के बावजूद परीक्षार्थी या तो अनुत्तीर्ण हैं या उनका विषय बदल गया है। इलाहाबाद में करीब 2890 छात्र-छात्राएं इस गड़बड़ी से जूझ रहे हैं। लखनऊ में 5263, प्रतापगढ़ में 4042, वाराणसी में 1510, कौशाम्बी में 2032, चित्रकूट में 3401, बांदा में 1031, फतेहपुर में 3180, आजमगढ़ में 3211, भदोही में 2052, बलिया में 2031, मिर्जापुर में 2407, गाजियाबाद में 3102, आगरा में 2083 के अंक पत्र में गड़बड़ी है। अंक पत्र में गणित की जगह बैंकिंग, कम्प्यूटर की जगह अंग्रेजी, प्रारम्भिक गणित की जगह बैंकिंग, कम्प्यूटर की जगह शिक्षाशास्त्र दर्ज हो गया है। कइयों के अंक पत्र में अंकों का जोड़ ही नहीं छपा है।
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अंक पत्रों में जो गड़बड़ी आ रही है, उसके लिए विद्यालय प्रबंधन जिम्मेदार है। हमें विद्यालय से जो जानकारी दी गई, उसी आधार पर अंक पत्र बने हैं। रही बात गड़बड़ी ठीक कराने की तो परीक्षार्थी विद्यालय के जरिए आवेदन करें, गलती ठीक करा दी जाएगी।
-अमरनाथ वर्मा, सचिव यूपी बोर्ड।