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ऑक्टा की मांग, फिर नियुक्त हों सेवानिवृत्त शिक्षक

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय की तर्ज पर महाविद्यालयों में भी सेवानिवृत्त शिक्ष

By Edited By: Published: Tue, 26 May 2015 01:55 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 01:55 AM (IST)

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय की तर्ज पर महाविद्यालयों में भी सेवानिवृत्त शिक्षकों की तैनाती की मांग जोर पकड़ गई है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ (ऑक्टा) ने इस संबंध में कुलपति को पत्र लिखा है।

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इसमें कहा गया है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के अनुरूप महाविद्यालयों के सेवानिवृत्त शिक्षकों को फिर उनके विभागों में नियुक्ति किया जाए। यूजीसी रेगुलेशन 2010 सेवानिवृत्त शिक्षकों को पुन: रोजगार की अनुमति देता है और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षकों को यह लाभ पहले से मिल रहा है। महाविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है, कई विभाग बिना शिक्षकों के हैं तो कहीं मात्र एक शिक्षक है। इसके बाद भी महाविद्यालयों के शिक्षकों को फिर से रोजगार की अनुमति न देना विभेदकारी ही नहीं यूजीसी की भावना के विरुद्ध है। यह न सिर्फ सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ अन्याय है बल्कि उनको लाभ से भी वंचित करता है।

पिछले वर्ष विश्वविद्यालय प्रशासन ने इच्छुक सेवानिवृत्त शिक्षकों के आवेदनों को इस आधार पर अस्वीकृत कर दिया था कि अभी महाविद्यालयों में गवर्निग बाडी नहीं बनी है। दूसरी ओर वैकल्पिक स्क्रीनिंग कमेटी, जिसमें डीन कालेज, प्राचार्य और संबंधित विषय का विभागाध्यक्ष होता है, की ओर से गेस्ट फैकल्टी का चयन किया गया। आक्टा का सवाल था कि आखिर इसी स्क्रीनिंग कमेटी से सेवानिवृत्त शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति क्यों नहीं हो सकती, जबकि कई शिक्षक दो-तीन वर्ष से सेवानिवृत्त हैं।


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