अब बदलेगा संगम का नजारा
राजकुमार श्रीवास्तव, इलाहाबाद : संगम का नजारा अब जल्द बदला हुआ नजर आएगा। गंगा व यमुना के घाटों के सौ
राजकुमार श्रीवास्तव, इलाहाबाद : संगम का नजारा अब जल्द बदला हुआ नजर आएगा। गंगा व यमुना के घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए क्या क्या जरूरी है, इसकी संकल्पना और विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट करने के काम में तेजी आएगी। मुख्यमंत्री ने संगम क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए सवा सौ करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि मंजूर करके इस पूरी कवायद को नई ऊर्जा दे दी है। माना यह जा रहा है कि दशकों से चर्चा में रही यह परियोजना अब अपने अंजाम तक पहुंच जाएगी।
गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के पावन मिलन स्थल संगम का नजारा बदलने के लिए जमाने से प्रयास चलता रहा है। पूर्व विधानसभाध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी ने 2003-04 में त्रिवेणी पुष्प का निर्माण कराकर इसकी शुरूआत कराई गई थी। दशक भर पूर्व तत्कालीन सपा सरकार के जमाने में अरैल तट पर पक्के घाट, पार्क आदि का निर्माण कर सौंदर्यीकरण करने का प्रस्ताव था। यह कार्य आज तक अंजाम तक नहीं पहुंच सका। यह कवायद एक बार फिर शुरू हुई है। इस बार मुख्यमंत्री ने सवा सौ करोड़ रुपये आवंटित कर इस पूरी कवायद को अंजाम तक पहुंचाने की पहल कर दी है। इसमें यमुना बैंक रोड पर नए यमुना ब्रिज से लेकर त्रिवेणी दर्शन तक करीब सात सौ मीटर क्षेत्रफल में विभिन्न सुविधाएं विकसित करने की योजना एडीए ने बनाई है। इसमें पाथ वे, वॉकिंग ट्रैक, तट पर बैठने के लिए कुर्सी, खूबसूरत लाइट, हरियाली के लिए फूल-पौधे आदि लगाने का प्रस्ताव शामिल है। इस पर करीब 25 करोड़ रुपये का खर्च होने की उम्मीद है।
इसके साथ ही अरैल तट पर पक्के घाट के निर्माण को भी एडीए ने अमली जामा पहनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें घाट पर ही नहाने के लिए कुंड, टहलने के लिए लॉन, सीढि़यां, वाहन खड़ा करने के लिए पार्किंग आदि शामिल है। इसके लिए दिल्ली की दो एजेंसियों द्वारा साइट का सर्वेक्षण किया जा चुका है। यह एजेंसियां जल्द ही अपनी ओर से क्षेत्र के विकास व सौंदर्यीकरण के लिए क्या कुछ किया जा सकता है, इसका खाका पेश करेंगी।
घाट के निर्माण पर करीब 125 करोड़ रुपये खर्च होगा। यह कार्य पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत होना है। पहले चरण के लिए बजट वित्त विभाग से ही जारी होना है। इसलिए प्रमुख सचिव आवास विकास सदाकांत ने भी जल्द डीपीआर तैयार कर शासन को भेजने के लिए कहा है।
सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। कंसेप्ट प्लान तैयार हो रहा है। इसके बाद डीपीआर बनाकर शासन को भेजा जाएगा। बजट मिलने के बाद कार्य शुरू होगा।
आरडी राय, अधिशासी अभियंता इलाहाबाद विकास प्राधिकरण।