दिल्ली में गूंजेगा आयोग की धांधली का मामला
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षाओं में हुई तथाकथित धांध
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षाओं में हुई तथाकथित धांधली के विरोध में लंबे आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है। इसी क्रम में प्रतियोगी छात्रों के एक संगठन ने जहां यूपीपीएससी की परीक्षाओं का बहिष्कार का आह्वान किया है, वहीं दूसरे संगठन ने राष्ट्रपति भवन के समक्ष पोस्टर प्रदर्शनी लगाकर आयोग की हकीकत बयां करने की रणनीति बनाई है।
प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के विरुद्ध लामबंदी तेज कर दी है। प्रतियोगी छात्र संगठन के अवनीश पांडेय ने सोमवार को बताया कि आंदोलन के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट में आयोग के खिलाफ तथ्यों के साथ याचिका दायर की जाएगी ताकि हालात बदले जा सकें। इस संगठन से जुड़े युवा साइबर माध्यमों के जरिए प्रतियोगी छात्रों से यह अनुरोध कर रहे हैं कि वह आगामी 26 अप्रैल को प्रस्तावित आयोग की आरओ/एआरओ परीक्षा का बहिष्कार कर दें। इस आशय की अपीलों में कहा जा रहा है कि ऐसी परीक्षा देने से क्या लाभ है, जब उसकी शुचिता ही नहीं हो। इधर भ्रष्टाचार मुक्त मोर्चा के बैनर तले सोमवार को प्रतियोगी छात्रों ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मेहता पार्क में बैठक की और आंदोलन को लेकर वृहद रणनीति बनाई। अध्यक्ष कौशल सिंह ने कहा कि परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, सपा सरकार के दौरान प्रतियोगी छात्रों पर लाठीचार्ज और नैनी कारागार में बंद प्रतियोगी छात्रों की रिहाई , तथा न्यायालय में लंबित लोकसेवा आयोग के परिणाम से लोगों को अवगत कराने के लिए करीब 200 पोस्टर तैयार किए जाएंगे। इन पोस्टरों को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सामने प्रदर्शनी के रूप में रखा जाएगा, ताकि दिल्ली में भी यूपीपीएससी की असलियत लोग जानें। 26 अप्रैल की परीक्षा के बाद आंदोलन को और भी तीव्र धार दिए जाने की योजना है। बकौल कौशल सिंह, 'लाठी के दम पर आंदोलन का दमन नहीं किया जा सकता।' उन्होंने छात्रों से भाजपा के झांसे में नहीं आने की अपील भी की। इस मौके पर मनीष पाठक, अरुण पांडेय, अमित सिंह, सचिन, प्रदीप राय आदि मुख्य रूप से मौजूद थे। इस बीच सोमवार को मोर्चा उपाध्यक्ष अनिल उपाध्याय की अगुवाई में छात्र आरएसएस, काशी प्रांत के महामंत्री एवं पूर्व विधायक प्रभाशंकर पांडेय से मिले। मोर्चा पदाधिकारियों के मुताबिक श्री पांडेय ने सीबीआइ जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन इससे वह असंतुष्ट हैं, क्योंकि अभी तक कुछ भी नहीं हुआ है। उधर आयोग के खिलाफ आंदोलन के मद्देनजर 22 अप्रैल को शाम चार बजे इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन में एक और बैठक बुलाई गई है। छात्र नेता अमरेंदु सिंह के मुताबिक इसमें शिरकत के लिए छात्रसंघ के सभी पूर्व पदाधिकारी, बुद्धिजीवी, सामाजिक एवं राजनीतिक संगठन के नुमाइंदों को आमंत्रित किया जा रहा है। आयोग अध्यक्ष की बर्खास्तगी के लिए प्रस्तावित आंदोलन का अगला स्वरूप इसमें तय किया जाएगा।