रेल अधिकारियों पर ठोंका जुर्माना
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : ट्रेन में यात्री के सामान की हिफाजत न कर पाने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने र
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : ट्रेन में यात्री के सामान की हिफाजत न कर पाने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने रेलवे अधिकारियों पर जुर्माना ठोका है। अफसरों को जुर्माने की राशि के साथ पीड़ित को मुकदमे का खर्च भी देने को कहा गया है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट सिद्धि मिश्रा अपने पति व दो साल के बेटे के साथ एक साल पहले क्रांति एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थीं। उन्होंने अपना हैंडबैग बर्थ से नीचे चेन में बांध रखा था। मुगलसराय में सिद्धि को पता चला कि उनका बैग चोरी हो गया है। बैग में मोबाइल फोन, दो घड़ी, सोने की अंगूठी और 25 हजार रुपये नकद थे। सिद्धि ने यह बात टीटीई और टीसी को बताई मगर उनसे कोई मदद नहीं मिली। यहां आकर उन्होंने इलाहाबाद जीआरपी से शिकायत की लेकिन नतीजा सिफर रहा। याचिनी ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस घटनाक्रम से अवगत कराया मगर उन्होंने भी इस प्रकरण में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस पर सिद्धि ने जिला उपभोक्ता विवाद परितोष फोरम का दरवाजा खटखटाया। फोरम ने नोटिस जारी कर विपक्षीगण रेलवे महाप्रबंधक गुवाहाटी, चेयरमैन रेलवे बोर्ड, मुख्य वाणिज्य प्रबंधक को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
रेलवे की ओर से जवाब में कहा गया कि याचिनी वैध यात्री नहीं थी। उनका टिकट रेलवे आरक्षण काउंटर से जारी नहीं किया गया है। जिस बर्थ पर वह यात्रा कर रही थी, वह दो पुरुषों के लिए आवंटित था। याचिनी रेलवे की वैध उपभोक्ता नहीं थी, लिहाजा उपभोक्ता फोरम को इस मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है।
फोरम ने याचिनी के अधिवक्ता योगेंद्र सिंह व रेलवे के अधिवक्ता के तर्क को सुनने के बाद निष्कर्ष में पाया कि याचिनी के पर्स में रखे सामान की कीमत लगभग 54050 रुपये थी। याचिनी संपूर्ण सामान का मूल्य भी रेलवे से आठ प्रतिशत ब्याज के साथ प्राप्त करने की अधिकारी है। रेलवे ने उपभोक्ता की सेवा में कमी की है, इसलिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ 10 हजार जुर्माने की सजा भी सुनाई गई।