तपोभूमि पर घर वापसी की 'दीक्षा'
शरद द्विवेदी, इलाहाबाद : धर्मातरण को लेकर छिड़ी बहस के बीच ही इस बार धर्म-अध्यात्म के केंद्र तपोभूमि
शरद द्विवेदी, इलाहाबाद : धर्मातरण को लेकर छिड़ी बहस के बीच ही इस बार धर्म-अध्यात्म के केंद्र तपोभूमि तीर्थराज प्रयाग की हवाएं घर वापसी की दीक्षा भी देंगी। इसकी कमान विश्व ¨हदू परिषद (विहिप) संभालने जा रहा है जो संत सम्मेलन में इसका रोडमैप तैयार करेगा। इसके बाद संत प्रवचन के दौरान श्रद्धालुओं को उन ¨हदुओं को 'घर' वापस लाने को प्रेरित करेंगे जो दूसरा धर्म अपना चुके हैं।
आगरा के देवरी रोड स्थित देवनगर में बीते दिनों हुए कथित धर्मातरण के मामले ने पूरे देश में तूल पकड़ा है। केंद्र सरकार की हिदायत के बावजूद विहिप ¨हदुओं की घर वापसी की मुहिम रोकने के मूड में नहीं है। विहिप की मुहिम माघ मेला में उन श्रद्धालुओं के बीच जारी रहेगी जो मोक्ष की आस में जप-तप करने प्रयाग आते हैं। मेला में 21 व 22 जनवरी को विहिप संत सम्मेलन का आयोजन कर अपनों की घर वापसी की मुहिम को विस्तार देगा। संत सम्मेलन में जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास, जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, विहिप संरक्षक अशोक सिंहल, महामंत्री चंपत राय सहित सैकड़ों संत-महात्मा व विहिप के बड़े नेता शामिल होंगे। पहले दिन श्रीराम जन्मभूमि (अयोध्या) पर मंदिर निर्माण, गाय-गंगा की सुरक्षा के साथ ही ¨हदुओं की घर वापसी पर मंत्रणा होगी, दूसरे दिन उसे सार्वजनिक करके संतों के जरिए जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। वहीं विहिप कार्यकर्ता देशभर से आए कल्पवासियों से संपर्क करके धर्मातरण के मुद्दे पर चर्चा भी करेंगे। विहिप के प्रदेश प्रवक्ता शरद शर्मा का कहना है हम किसी को न तो जबरन ¨हदू बना रहे हैं, न लालच देकर। हां, जो किसी दबाव व लालचवश हमसे दूर हुए हैं उन्हें जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें बुराई क्या है, यह किसी नियम-कानून के खिलाफ नहीं है। हर आंदोलन की तरह ¨हदुओं को साथ जोड़ने की मुहिम को विहिप संतों के नेतृत्व में चलाएगा।
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यह है विहिप की रणनीति
-माघ मेला में संत सम्मेलन में धर्मातरण के खिलाफ प्रस्ताव पारित होगा।
-संत अपने प्रवचन में श्रद्धालुओं से दूसरे धर्म को अपनाने वाले ¨हदुओं को वापस लाने का संकल्प दिलाएंगे।
-विहिप कार्यकर्ता हर कल्पवासी से मिलकर धर्मातरण पर चर्चा कर दूसरे धर्म को अपनाने वालों की जानकारी एकत्रित करेंगे।
-किसी गांव में आगे कोई ¨हदू दूसरा धर्म न अपनाए इसकी जिम्मेदारी कल्पवासियों को दी जाएगी।
-कल्पवासियों को दूसरा धर्म अपनाने वाले ¨हदुओं को वापस लाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
-माघ मेला के बाद उन गांव और कस्बों में संतों का प्रवचन एवं धार्मिक अनुष्ठान होगा, जहां अधिक संख्या में ¨हदुओं ने दूसरा धर्म अपनाया है।