ज्ञान के नए दीप जगाएगी 'ज्ञानोदय'
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पंख लगाने के लिए रेलवे ने पहल शुरू
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पंख लगाने के लिए रेलवे ने पहल शुरू कर दी है। देश के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृतियों को साझा करने के उद्देश्य के तहत शोधार्थियों को लेकर पहली ट्रेन ज्ञानोदय एक्सप्रेस गुरुवार को पूर्वोत्तर के लिए रवाना हो गई। दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस ट्रेन में दिल्ली विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों के 850 छात्र-छात्राएं हैं। ये सभी 18 से 29 दिसंबर तक पूर्वोत्तर के विभिन्न दर्शनीय स्थलों पर जाएंगे।
युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), पर्यटन मंत्रालय व रेलवे ने यह योजना तैयार की है। इन शोधार्थियों को भारतीय सभ्यता व संस्कृति को नजदीक से समझ विकसित करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा इन छात्रों को पूर्वोत्तर के विभिन्न अनछुए पहलुओं की जानकारी हासिल होगी। इस ट्रेन से रवाना होने वाली साढ़े आठ सौ छात्रों को नौ समूह में बांटा गया। यह ट्रेन इलाहाबाद जंक्शन से शुक्रवार की सुबह गुजरेगी। हालांकि यह ट्रेन यहां नहीं रुकेगी।
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पूर्वोत्तर जाने के लिए छात्रों को साठ फीसद छूट
इलाहाबाद : रेलवे न्यू जलपाईगुड़ी समेत पूर्वोत्तर राज्य के लिए देश के किसी भी हिस्से से यात्रा करने पर शयनयान श्रेणी में आधार किराये पर साठ फीसद रियायत देगी। यह लाभ केवल छात्रों को दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें अपने स्कूल, कॉलेज अथवा संस्था के प्रधान का सर्टिफिकेट देना होगा। रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह योजना 15 दिसंबर से 14 फरवरी तक पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ही है। इस संबंध में सभी जोनल कार्यालयों को पत्र भेजा जा चुका है।
इसके अलावा आइआरसीटीसी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए नियमित ट्रेनों में बर्थ आरक्षित कर आम लोगों को पर्यटन करा रही है। इसमें दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, गंगटोक, कलिमपोंग, पीलिंग आदि पर्यटन स्थल शामिल हैं।