स्कूल की जमीन का व्यावसायिक उपयोग कानून के विपरीत
बुलंदशहर में स्कूल की जमीन पर दूकाने बनाने की अनुमति रद ---हाईलाइटर--- पंचायतों को स्कूलों की नि
बुलंदशहर में स्कूल की जमीन पर दूकाने बनाने की अनुमति रद
---हाईलाइटर---
पंचायतों को स्कूलों की निगरानी का अधिकार दिया गया है न कि उनकी जमीनों के व्यावसायिक उपयोग का।
-इलाहाबाद हाईकोर्ट
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर के जहांगीराबाद में 1907 से स्थापित प्राइमरी स्कूल की जमीन पर जिला पंचायत द्वारा 30 दुकानें बनाने की राज्य सरकार से ली गई अनुमति रद कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि स्कूल की जमीन का व्यावसायिक उपयोग शिक्षा के मूल अधिकार कानून का उल्लंघन है। स्कूलों का स्वामित्व ग्राम पंचायत, जिला पंचायत या स्थानीय निकायो में निहित करने के शासनादेश का आशय स्कूलों की जमीन में व्यवसाय करने की अनुमति देना नहीं है। पंचायतों को स्कूलों की निगरानी का अधिकार दिया गया है न कि उनकी जमीनों के व्यावसायिक उपयोग का। कोर्ट ने विशेष सचिव उत्तर प्रदेश के 27 जनवरी 2014 के आदेश को रद कर दिया है तथा जिलाधिकारी बुलन्दशहर को कार्यवाही करते हुए स्कूल की जमीन की मूल स्थिति बहाल करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चन्द्रचूड तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने नन्हे सिंह व दो अन्य की जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची का कहना था कि 1907 में 32 बीघा जमीन स्कूल के लिए अधिगृहीत की गयी। उसका मुआवजा भी दे दिया गया। 25 जनवरी 13 को जिला पंचायत ने स्कूल की जमीन में खड़े पेड़ों की नीलामी का विज्ञापन निकाला। इस पर आपत्ति की गयी। ब्लाक शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट में कहा गया कि स्कूल की जमीन जिला पंचायत में निहित है। इसके बाद राज्य सरकार से स्कूल की जमीन पर दुकानें बनाने की अनुमति प्राप्त की गयी जिसे याचिका में चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने कहा कि स्कूल की जमीन का व्यावसायिक उपयोग शिक्षा के उद्देश्य को विफल करने वाला है।