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संगम नगरी से फूटेगी सूचना क्रांति की धार

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : लंबे अंतराल के बाद संगम नगरी से सूचना क्रांति की नई धार फूटने की जमीन तै

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 01:04 AM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 01:04 AM (IST)
संगम नगरी से फूटेगी सूचना क्रांति की धार

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : लंबे अंतराल के बाद संगम नगरी से सूचना क्रांति की नई धार फूटने की जमीन तैयार हो गई है। बुधवार को लोकसभा ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आइटी) इलाहाबाद के विधेयक पर एकजुट होकर मुहर लगा दी है। अगले दो चरणों (राज्यसभा और राष्ट्रपति) के बाद ट्रिपल आइटी राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनकर इलाहाबाद का नाम देश-दुनिया में रोशन करेगा।

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इलाहाबाद में ट्रिपल आइटी की स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी। अगले ही वर्ष 2000 में इस संस्थान को डीम्ड यूनिवर्सिटी का तमगा मिला, लेकिन संसद से विधेयक पारित न हो पाने के कारण यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के बताए मार्ग पर चले या फिर आइआइटी व एमएनएनआइटी एक्ट की तर्ज पर स्वायत्त बना रहे, इसको लेकर ऊहापोह कायम रहा। ऊहापोह का परिणाम यह रहा कि हाईकोर्ट में करीब एक दर्जन मुकदमे इस बात के लिए हो गए कि हम तो फलां पैटर्न के तहत नियुक्त हुए थे अब उसे नहीं माना जा रहा है। इसके अलावा आर्थिक संकट भी बरकरार रहा।

डेढ़ दशक बाद इस संस्थान को नया मुकाम मिलने जा रहा है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में इसके विधेयक को न केवल सदन में पेश किया, बल्कि उसे पारित भी करा लिया। अब यह विधेयक राज्यसभा में जाएगा, लेकिन जिस तरह लोकसभा में इसे समर्थन मिला है उससे साफ है कि अब कोई अड़चन नहीं आएगी। राष्ट्रपति की मुहर के बाद यह कानून बन जाएगा। ऐसे में यहां धनाभाव का संकट खत्म होगा और नियुक्त होने वाली फैकल्टी विश्वस्तर की होगी। तैयारी है कि यहां पर तकनीकी विषयों की तो पढ़ाई होगी ही, आइआइटी व एमएनएनआइटी की तरह यहां इतिहास, अर्थशास्त्र, भूगोल, समाजशास्त्र आदि विषय भी पढ़ाए जाएंगे। यही नहीं जिस प्रमुख विषय 'साइबर लॉ' से संस्थान ने फिलहाल पल्ला झाड़ लिया है, उसे फिर से शुरू करने के पूरे आसार हैं।

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मोदी पूरा कर रहे जोशी का सपना

यह संस्थान प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काल में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी की सोच के अनुरूप खुला था। उन्होंने ही इसकी आधारशिला रखी थी। हालांकि कांग्रेस के कार्यकाल में संस्थान का विधेयक लोकसभा में रखने का कई बार फैसला हुआ, लेकिन यह हो न सका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ही प्रयास में लोकसभा की मुहर लगवा दी है।

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संस्थान में मना जश्न, निदेशक गदगद

ट्रिपल आइटी का विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत होने से लेकर पारित होने तक की प्रक्रिया पर संस्थान के छात्र-शिक्षक सभी नजरें गड़ाए थे। संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी पंकज मिश्रा ने बताया कि जैसे ही सदन ने इसे पास किया। सभी उछल पड़े और एक-दूसरे को बधाई दी। संस्थान के निदेशक प्रो. सोमनाथ बिस्वास ने कहा है कि यह कदम ट्रिपल आइटी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। अब संस्थान के विकास के द्वार खुल जाएंगे। इसे दुनिया का सबसे अच्छा संस्थान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।


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