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पं. मालवीय की नीतियों पर करूंगा काम : प्रो.त्रिपाठी

जासं, इलाहाबाद : केंद्रीय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नियुक्त हुए नए कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 01:16 AM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 01:16 AM (IST)

जासं, इलाहाबाद : केंद्रीय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नियुक्त हुए नए कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने पं. मदन मोहन मालवीय के नीतियों पर शैक्षिक गतिविधियों को आगे बढ़ाये जाने पर बल दिया है। बोले, बीएचयू को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया जाएगा, ताकि विश्व में इस ऐतिहासिक संस्थान का नाम और ऊंचा हो सके। 'दैनिक जागरण' से वार्ता में उन्होंने उक्त बातें कहीं।

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प्रो. जीसी त्रिपाठी का राजनीति के प्रति शुरू से ही काफी अधिक रुझान रहा है। वह संघ के कई बड़े नेताओं के काफी करीबी माने जाते हैं। ऐसे में उन्हें बीएचयू का कुलपति बनाए जाने के बाद बीएचयू में छात्रसंघ बहाली के रास्ते भी खुलते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि उन्होंने बीएचयू में छात्रसंघ बहाली, ट्रामा सेंटर के उद्घाटन और छात्रावास से छात्रों को बाहर किए जाने के सवाल पर कुछ नहीं बोला। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पदभार ग्रहण करने के बाद वहां की स्थिति जानने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। तत्काल निर्णय लेने की क्षमता रखने वाले प्रो. त्रिपाठी अपनी इस छवि से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में काफी चर्चित हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की समस्याओं का जल्द से जल्द निस्तारण करने के लिए वह उचित कदम उठायेंगे।

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इविवि ने दिया सातवां कुलपति

इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का नया कुलपति बनाया गया है। सोमवार को राष्ट्रपति ने उनके नाम पर मुहर लगा दी। साथ ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इस बाबत पत्र भी भेजा गया है। प्रो. त्रिपाठी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सातवें ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें किसी विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है, जबकि वह केंद्रीय विश्वविद्यालय का कुलपति बनने वाले वह दूसरे शख्स हैं। यह सूचना आते ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय में खुशी की लहर दौड़ गई।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रो. त्रिपाठी ने 1982 से बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर अध्यापन का कार्य शुरू किया। इसके बाद 1993 में एसोसिएट प्रोफेसर और 1999 में वह प्रोफेसर बने। इनके 18 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं, जबकि चार पर कार्य कर रहे हैं। प्रो. त्रिपाठी की एक किताब प्रकाशित हुई है व उन्होंने एक किताब को संपादित भी किया है। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य कई पदों पर भी कार्य किया है। प्रो. त्रिपाठी फेडरेशन ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष है। पंडित मदन मोहन मालवीय के द्वारा स्थापित सेवा समिति आल इंडिया सेवा समिति के महासचिव हैं। सोमवार को राष्ट्रपति ने प्रो. त्रिपाठी के नाम पर आधिकारिक रूप से मुहर लगाते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त कर दिया। प्रो. त्रिपाठी के कुलपति नियुक्त होने की खबर फैलते ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों ने इस खुशी में मिठाई वितरित कर जश्न मनाया।

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सीतापुर से संगम नगरी पहुंचे

मूल रूप से सीतापुर जनपद के काजी कमालपुर गांव निवासी प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद संगम नगरी के लिए रुख किया। यहां इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक एवं परास्नातक किया। सौभाग्य से वह यहीं 1982 में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अर्थशास्त्र विभाग में कार्यभार ग्रहण किया। इनके पिता संस्कृत के प्रकांड विद्वान रहे हैं। गिरीश तीन भाइयो में दूसरे नंबर पर हैं। बड़े भाई रामगोपाल त्रिपाठी संस्कृत सेवाश्रम में आचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और छोटे भाई भारत स्काउट एंड गाइड इंटर कालेज में प्रधानाचार्य हैं। प्रो. गिरीश के दो बेटों में से राजेंद्र त्रिपाठी निजी कंपनी में कार्यरत हैं, जबकि अवनीश त्रिपाठी अधिवक्ता हैं। और एक बेटी लक्ष्मी त्रिपाठी आइआइटी कानपुर में प्रोफेसर है। इनकी पत्नी गृहणी है।


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