विस्फोट पैकेज---जांच टीम के लिए पहेली बना धमाका
जासं, इलाहाबाद : जोरदार धमाके से चाय की पक्की दुकान जमींदोज, पास की दुकानें भी क्षतिग्रस्त लेकिन दुक
जासं, इलाहाबाद : जोरदार धमाके से चाय की पक्की दुकान जमींदोज, पास की दुकानें भी क्षतिग्रस्त लेकिन दुकान में रखे तीन गैस सिलेंडर सही सलामत और बाकी सामान तहस-नहस। दुकान की दीवारों व जमीन पर न तो किसी तरह के निशान और न ही कोई गंध। न जले तार मिले और न ही सिलेंडर के टुकड़े। पॉलीथिन सिकुड़ गईं, शटर के टुकड़े-टुकड़े हो गए लेकिन कोई भी ऐसा तथ्य अथवा वस्तु नहीं मिली जिससे भीषण विस्फोट किससे हुआ इसकी पुष्टि हो सके। पुलिस, बीडीएस और फोरेंसिक टीम दिन भर जांच में जुटी रही लेकिन विस्फोट के रहस्य से पर्दा नहीं उठ सका। जांच टीमों के लिए यह धमाका एक पहेली बना है। हालांकि कुछ ऐसे अवशेष मिले हैं, जिनकी जांच कराने के बाद हो सकता है कि घटना का कारण पता चल सके।
पुलिस को सूचना मिली थी कि गैस सिलेंडर फटने से दुकान में धमाका हुआ है। बाद में बम से धमाके की बात सामने आई तो फोरेंसिक एक्सपर्ट प्रेम भारती और बीडीएस टीम मौके पर पहुंच जांच में जुट गई किंतु तकरीबन आठ घंटे की पड़ताल के बाद भी कुछ खास चीज मौके से हासिल नहीं हुआ।
इंप्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी), बम, गैस सिलेंडर, बारूद, पटाखा व अन्य विस्फोटकों के अवशेष की खोज करने में पुलिस और बम डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीएस) को पसीना आ गया। दुकानदार मनोज वर्मा से एसपी क्राइम एके पांडेय, एसपी सिटी राजेश यादव, सीओ सचिन्द्र पटेल और एसओ रविभूषण श्रीवास्तव ने बारी-बारी से लंबी पूछताछ की, पर वह केवल यही बता पाता कि दुकान के बगल में सो रहा था। तभी धमाका हुआ। दुकानदार डर तो नहीं रहा इस बिंदु पर भी जांच की गई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
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तो उड़ जाता गुजरात से आया परिवार
गुजरात में अंकलेश्वर के व्यापारी रवि कुमार सिंह अपने परिवार के साथ यहां छठ पूजा मनाने के लिए आए थे। वह अपनी स्कार्पियों उसी दुकान के सामने खड़ी करके बगल के यात्री निवास में ठहरे हुए थे। उनका कमरा विस्फोट से प्रभावित चाय की दुकान से सटा हुआ था। यह गनीमत रही कि उनका कमरा धमाके की जद में नहीं था वरन जिस तरह से उनकी स्कार्पियों क्षतिग्रस्त हुई। उसी तरह उनका भी हाल हो सकता था। रवि सिंह का पूरा परिवार ईश्वर को धन्यवाद देता रहा। इसी तरह बांगड़ धर्मशाला में ठहरने वाले तीर्थ यात्रियों में भी अफरा-तफरी मची रही।
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14 साल पुरानी थी चाय की दुकान
मलाकराज के इंद्रपुरी कॉलोनी में रहने वाले शंकरलाल वर्मा का बड़ा बेटा मनोज वर्मा यहां 14 साल से चाय की दुकान चला रहा था। बाकी दो भाई दूसरे काम करते थे। मनोज दुकान के सामने ही करीब 15 दिन से सो रहा था। मंगलवार की रात भी वह अपनी दुकान के बाहर लेटा हुआ था। इसी दौरान उसे मच्छर काटने लगे तो हटकर दूसरी दुकान के सामने सोने चला गया। इसी दौरान विस्फोट हो गया। वह तो गनीमत रही कि वह बाल-बाल बच गया। उसकी इतनी हिम्मत भी नहीं हुई कि वह इसकी सूचना पुलिस को देता।
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गैस सिलेंडर से विस्फोट होने की सूचना मिली थी। जांच में अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि विस्फोट किससे हुआ है। हर स्तर पर जांच की जा रही है। जो साक्ष्य मिले हैं उसकी जांच कराई जाएगी।
-राजेश यादव, एसपी सिटी।