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श्रृंगवेरपुर धाम में होगा विद्वानों का 'संगम'

जासं, इलाहाबाद : संगम नगरी प्रयाग की धरती पर कुंभ में विभिन्न संस्कृतियों का संगम होता है साथ ही अन्

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 01:33 AM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 01:33 AM (IST)

जासं, इलाहाबाद : संगम नगरी प्रयाग की धरती पर कुंभ में विभिन्न संस्कृतियों का संगम होता है साथ ही अन्य मौकों पर भी यह सिलसिला कायम रहता है। ऐसा ही एक मौका नवंबर माह में आ रहा है, जब देश-दुनिया के विद्वान इस पवित्र भूमि में जुटेंगे। मौका है अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का। खास बात यह है कि सम्मेलन के रजत जयंती वर्ष में इसका आयोजन इलाहाबाद विश्वविद्यालय का हिंदी विभाग पहली बार कर रहा है।

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सम्मेलन के संयोजक एवं हिंदी विभाग के डा. कृपाशंकर पांडेय ने बताया कि श्रृंगवेरपुरधाम में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक गंगा पूजन के साथ 2 नवंबर को सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। समारोह में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी शिरकत करेंगी। तीन एवं चार नवंबर को दुनिया भर के शोध छात्र अपने शोध पत्रों का वाचन करेंगे। पांच नवंबर को सम्मेलन का समापन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में होगा। इसमें पूर्व राज्यपाल टीएन चतुर्वेदी, न्यायाधीश सुधीर नारायण, आइएएस ऋतु माहेश्वरी मौजूद रहेंगे। आयोजन में मॉरीशस से धानुक चंद, नीदरलैंड से सुधीर तिवारी, मलेशिया से सुधा दामोदरन, फ्रांस से स्वेतलाना आर डिंग्स, बर्मिघम (यूके) से डा. कृष्ण कुमार आ रहे हैं। डा. पांडेय ने बताया कि इसमें डा. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, डा. सूर्य प्रसाद दीक्षित, डा. रामनरेश त्रिपाठी भी अपने विचार देंगे।


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