'अच्छे संस्कार से ही मानव व्यक्तित्व का विकास'
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अच्छे संस्कार से मानव व्यक्तित्व का विकास होता है, जबकि गलत कार्य उसको अ
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अच्छे संस्कार से मानव व्यक्तित्व का विकास होता है, जबकि गलत कार्य उसको अंधकार की ओर ले जाते हैं। अच्छे संस्कार हैं क्या? अधिकतर लोग इससे अनजान हैं। पढ़-लिखकर बड़ा अधिकारी बनना, पैसा कमाना, अच्छे कपड़े पहनना, अच्छा खाना यह अच्छे संस्कार नहीं हैं। अच्छे संस्कार का मतलब हर जीव को सम्मान देना है। चाहे वह इंसान हो या जीव-जंतु। 'दैनिक जागरण' द्वारा मंगलवार को बीबीएस इंटर कालेज शिवकुटी में आयोजित 'संस्कारशाला' कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व क्रियायोग अनुसंधान संस्थान की सचिव तथा संचालिका ज्ञानमाता डॉ. राधासत्यम ने बच्चों को कुछ ऐसी ही सीख दी। संस्कारों की इस पाठशाला में छात्रों का उत्साह देखने लायक था। ढेरों सवाल उनके मन में उथल-पुथल मचा रहे थे। ज्ञानमाता ने जिज्ञासाओं को किस्से-कहानियों और क्रियायोग के जरिए शांत किया।
उन्होंने कहा कि जो बच्चे, छोटे-बडे़ का सम्मान, वृद्धों और गरीब-मजलूमों की सहायता करते हैं उन्हें आयु, विद्या, यश, बल की प्राप्ति होती है। कहा कि पृथ्वी पर चीजें परमात्मा की इच्छा से चल रही हैं। हर व्यक्ति, जीव-जंतु, हवाओं, वनस्पतियों में परमात्मा का स्वरूप है, इसलिए हमें सबका सम्मान करना चाहिए। छोटों को तुम नहीं आप कहकर सम्मान दें। पर्यावरण व नदियां प्रदूषित न होने पाएं इसका ख्याल रखें। जीव-जंतुओं को मारे नहीं बल्कि रक्षा करें, पेड़-पौधों को क्षति नहीं पहुंचाएं क्योंकि इससे परमात्मा रुष्ट होते हैं। प्राचीनकाल में ऋषि-मुनियों द्वारा ईजाद की गई क्रियायोग विद्या का अभ्यास कराकर उसके वैज्ञानिक व अध्यात्मिक लाभ पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही यज्ञोपवीत संस्कार, महिलाओं द्वार मांग में सिंदूर लगाने, माथे पर तिलक, सिर में चोटी रखने आदि संस्कारों का भी महत्व बताया।
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आगे भी जारी रहे यह मुहिम
विद्यालय की प्रधानाचार्य सीमारानी श्रीवास्तव ने संस्कारशाला कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इसके जरिए देश की भावी पीढ़ी को अपने धर्म व संस्कृति से जुड़ने का मौका मिल रहा है। यह मुहिम आगे भी जारी रहनी चाहिए। दैनिक जागरण के ब्रांड मैनेजर दिव्यानंद पांडेय ने सभी का परिचय कराया। संचालन रश्मि शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबंधक रंजीत सिंह, कमलनाथ मिश्र, रजनी शर्मा, सुषमा त्रिपाठी, अनिल पांडेय, केएन संजय आदि मौजूद रहे।
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पर्यावरण-जीव संरक्षण की सीख
डॉ. राधासत्यम ने छात्रों को पेड़ों के कटने, नदियों में बढ़ते प्रदूषण से होने वाले धार्मिक, पर्यावरणीय नुकसान की जानकारी देने के साथ पर्यावरण और जीव-जंतुओं के संरक्षण की सीख दी।
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साफ-सफाई का बताया महत्व
डॉ. राधासत्यम ने छात्रों को सफाई का महत्व बताया। कहा कि शरीर, घर और बाहर हर जगह सफाई रखना हम सभी का कर्तव्य है। इसके लिए हमें दूसरों पर आश्रित नहीं होना चाहिए। समाज को हमें अपना घर मानकर उसकी सफाई रखनी चाहिए। सड़क पर इधर-उधर कूड़ा न फेकें, थूककर व अन्य गंदगी न फैलाएं, दूसरे लोग ऐसा कर रहे हों तो उनको भी रोकें।