फिर पुराने ढर्रे पर ही होगा केंद्र निर्धारण
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार यूपी बोर्ड ने पुराने ढर्रे पर ही केंद्र निर्ध
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार यूपी बोर्ड ने पुराने ढर्रे पर ही केंद्र निर्धारण की नीति जारी कर दी। पुरानी नीति पर मुहर लगाने में एक माह से अधिक का समय लगा दिया। इससे केंद्र निर्धारण का पूरा रोस्टर गड़बड़ा गया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव शकुंतला देवी यादव ने बीते चार सितंबर को परीक्षा नीति अनुमोदन के लिए शासन को भेजा था।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की पहल पर शासन ने हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा 2015 कराने के लिए केंद्रों के निर्धारण की नीति तय कर दी है। इस बार भी जिला स्तर एवं मंडल स्तर पर केंद्रों का अनुमोदन होना है। इस बार यह निर्देश जरूर दिया गया है कि केंद्र की क्षमता के सापेक्ष परीक्षार्थियों का आवंटन किया जाए।
यह भी निर्देश है कि राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में आवंटन के बाद भी यदि परीक्षार्थी शेष रहते हैं तो अच्छी छवि के वित्तविहीन मान्यता प्राप्त स्कूल को आवंटन किया जाए, लेकिन परीक्षार्थियों की न्यूनतम संख्या तीन सौ से कम न हो। जिन स्कूलों में प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य के मध्य विवाद हो उसे परीक्षा केंद्र न बनाया जाए। साथ ही जिन स्कूलों में पिछले तीन वर्षो में सामूहिक नकल, परीक्षा के दौरान शिक्षा या जिला प्रशासन के अफसरों के साथ अभद्र व्यवहार हुआ हो उन्हें केंद्र न बनाया जाए। यह निर्देश माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव डा. सूर्य प्रताप सिंह ने जारी किया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुसार 25 अक्टूबर को जनपदीय समिति की ओर से चयनित केंद्रों को वेबसाइट पर डालकर समाचारपत्र में सूचना का प्रकाशन किया जाएगा। चयनित केंद्रों के संबंध में आपत्तियां/प्रत्यावेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 5 नवंबर निर्धारित की गई है।