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'चतु‌र्ग्रही' योग से आएगी संपन्नता

जासं, इलाहाबाद : कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी (धनतेरस) को पंचदीप पर्व का आरंभ हो रहा है। मंगलवार को

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 01:01 AM (IST)
'चतु‌र्ग्रही' योग से आएगी संपन्नता

जासं, इलाहाबाद : कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी (धनतेरस) को पंचदीप पर्व का आरंभ हो रहा है। मंगलवार को त्रयोदशी के साथ भौम प्रदोष से दीपावली के पंचदीप पर्व की शुरुआत होना सुखद संयोग है। दीपावली के दिन 'चतुर्ग्रही' का अद्भुत योग बन रहा है, ऐसा संयोग सैकड़ों वर्षो में आता है। इसमें सच्चे हृदय से आराध्य का पूजन, स्मरण करने से साधकों पर प्रभु की कृपा बरसेगी, साथ ही राष्ट्र आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर होगा। ज्योतिर्विद आचार्य अविनाश राय कहते हैं 'पंचदीप पर्व' हर साधक के लिए सुख, शांति और संपन्नता लेकर आया है। मंगलवार को त्रयोदशी के साथ भौम प्रदोष भी है, जो साधक को ऋणदोष से मुक्त करके धन, संपन्नता प्रदान करेगा। घर के बाहर चौमुख दीपक जलाने से आयु में वृद्धि का आशीष मिलेगा। वह बताते हैं कि 23 अक्टूबर को तुला की राशि में सूर्य, चंद्रमा, शनि व शुक्र एक साथ आ रहे हैं जिससे चतुर्ग्रही योग बनेगा। इसमें सूर्य सरकारी तंत्र, शनि लोकतंत्र, शुक्र सलाहकार और चंद्रमा स्त्रियों का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि तुला राशि सबमें संतुलन स्थापित करती है। ऐसी स्थिति में देश में सत्ता, शक्ति व व्यापार में संतुलन स्थापित होगा। साथ ही व्यावसायिक उन्नति बढ़ेगी। इसके साथ अमावस्या तिथि के साथ सुबह 6.31 से अगले दिन सुबह 6.09 बजे तक 'प्रीति' नामक योग भी रहेगा। जो सोने पर सुहागा का काम कर रहा है। श्रीधर्मज्ञानोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी कहते हैं कि गुरुवार को दीपावली का पर्व है, गुरु लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन श्रीसूक्त, सहस्त्रनाम, गजेंद्रमोक्ष का पाठ करने से साधक के घर में सुख और संपन्नता का वास होगा।

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पंचदीप पर्व की स्थिति

-21 अक्टूबर को धनतेरस (त्रयोदशी व भौम प्रदोष)।

-22 अक्टूबर को हनुमान जयंती (नरक चतुर्दशी)।

-23 अक्टूबर को दीपावली (चतु‌र्ग्रही व प्रीति योग,)।

-24 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा 'अन्नकूट' (स्वाति नक्षत्र, प्रतिप्रदा तिथि)।

-25 अक्टूबर भइया दूज (विशाखा नक्षत्र, सौभाग्य नक्षत्र)।


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