वाह! 'बादल' के जाते ही बदल गई तस्वीर!
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : कमिश्नर रहे बादल चटर्जी के जाते ही शहर के अस्पतालों की तस्वीर बदल गई है।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : कमिश्नर रहे बादल चटर्जी के जाते ही शहर के अस्पतालों की तस्वीर बदल गई है। बुधवार को प्रशानिक टीमों ने शहर के सभी महत्वपूर्ण अस्पतालों के निरीक्षण में सबकुछ ओके मिला। मिली तो सिर्फ डॉक्टरों की कमी वह भी केवल कुछ ही अस्पतालों में। बादल चटर्जी के तबादले के बाद नए कमिश्नर बीके सिंह ने बुधवार को पहली बार शहर के कई अस्पतालों के निरीक्षण के आदेश मातहतों को दिए।
अभी चंद दिनों पहले की ही बात है, अपर आयुक्त प्रथम कनकलता ने एसआरएन अस्पताल का निरीक्षण किया था। अस्थि रोग से संबंधित वार्डो में उनको मरीजों की दर्जनों शिकायतें मिलीं। प्रशासनिक टीम ने बाकायदा इन शिकायतों की वीडियो रिकार्डिग भी कराई। कई मरीजों ने तो लिखकर भी शिकायत दर्ज कराई थी। शायद ही कोई वार्ड ऐसा रहा हो जहां शिकायतों का अंबार न लगा हो। फिर ऐसा क्या हो गया कि बुधवार को निरीक्षण को गई प्रशासन की टीम को एसआरएन अस्पताल में कोई कमी नहीं दिखाई दी। अस्पताल के वर्तमान हालात पर नजर डालें तो वहां से दवा के नाम पर मरीजों को केवल मल्टी विटामिन ही मिल रही है। इसको लेकर हाहाकार मचा हुआ है। हैरत की बात यह है कि इसको लेकर किसी मरीज ने टीम से कोई शिकायत नहीं की। परिसर में ही कई दिनों से पड़ी गाय की लाश से उठ रही दुर्गध भी अधिकारियों तक नहीं पहुंच सकी।
रही बात काल्विन की तो जहां एक दिन में करीब साढ़े तीन हजार मरीज पहुंच रहे हैं, वहां पर सबकुछ ओके मिले, ऐसा संभव नहीं लगता। डफरिन में आए दिन किसी न किसी बात को लेकर हंगामा होता रहता है, वहां भी टीम को कुछ नहीं मिला, जबकि कुछ दिनों पहले तक कमिश्नर बादल चटर्जी के समय इन अस्पतालों में छापेमारी के दौरान रोजाना दर्जनों समस्याओं का सामना जांच टीम को करना पड़ता था।
-------------------
डफरिन में सबकुछ ओके
अपर आयुक्त कनकलता के नेतृत्व में एक टीम ने जिला महिला चिकित्सालय (डफरिन) का बुधवार को निरीक्षण किया। इस दौरान टीम को अस्पताल चकाचक नजर आया। केवल एक ब्लॉक में शौचालय गंदा पाया, जिसे ठीक कराने के निर्देश दिए गए। यहां डॉक्टरों के सृजित पद 20 में से 18 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। टीम ने यहां एक दर्जन से ज्यादा मरीजों से बातचीत की, किसी ने कोई समस्या नहीं बताई।
------
काल्विन में कोई शिकायत नहीं
संयुक्त विकास आयुक्त हरिशंकर उपाध्याय ने मोतीलाल नेहरू जिला चिकित्सालय (काल्विन) का निरीक्षण किया। अस्पताल में सफाई व्यवस्था दुरुस्त पाई गई। मरीजों ने अस्पताल व्यवस्था को क्लीन चिट दे दिया। यहां तैनात 42 डॉक्टरों में पांच अवकाश पर पाए गए। यहां एक महिला डॉक्टर की तैनाती की आवश्यकता महसूस की गई। बुधवार को अस्पताल की ओपीडी 3361 रही। अस्पताल में लगी 2डी ईको मशीन खराब मिली, सीएमएस ने बताया कि धनराशि स्वीकृत हो गई है, जल्द ही इसे ठीक करा लिया जाएगा।
-----
एसआरएन में सबकुछ चकाचक
अपर आयुक्त (प्रथम) डीपी गिरि ने स्वरूपरानी नेहरू मंडलीय अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने अंत:रोगी भवन में स्थापित वार्ड 2 में डॉ. डीसी श्रीवास्तव के अधीन भर्ती मरीजों से पूछताछ की। किसी मरीज ने उनसे कोई शिकायत नहीं की। एक्सरे, ओपीडी, मेडिसिन, ईएनटी, सर्जरी ओपीडी आदि में सबकुछ दुरुस्त पाया गया। सर्जरी विभाग ओपीडी में डॉ. एनएन गोपाल ने अस्पताल के मुख्य द्वार पर अतिक्रमण की शिकायत की।
----
बेली में अनुपस्थित मिले डॉक्टर
अपर आयुक्त द्वितीय शेषमणि पांडेय ने तेजबहादुर सप्रू (बेली) अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान डॉ. राकेश पाठक, डॉ.राजकुमार ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए। डॉ. एके अखोरी अवकाश पर मिले। उक्त डॉक्टरों की जगह वैकल्पिक व्यवस्था का अपर आयुक्त ने निर्देश दिया। अस्पताल में मरीजों को लेकर अन्य व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त पाई गई।
----------
----------
काल्विन में हस्ताक्षर अभियान
जांस, इलाहाबाद : मोतीलाल नेहरू चिकित्सालय (काल्विन) में आइसीयू, एमआरआई, सिटी स्कैन, हार्ट यूनिट सहित तमाम मांगों को लेकर बुधवार को हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। अभियान की शुरुआत सांसद केशव प्रसाद मौर्य ने की। भारती चाइल्ड एंड वूमेन वेलफेयर सोसाइटी की ओर से आयोजित इस अभियान में दर्जनों लोगों ने शिरकत की। सांसद ने लोगों की समस्याओं को हल करवाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर आरिज मुख्तार, शमशाद, रूफी, बशीर अहमद, श्रद्धा शुक्ला, माया शर्मा, मीरा सिन्हा, मुन्ना आदि उपस्थित रहे।