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यहां बा अदब चलती है राजनीति

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 07:02 PM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 07:02 PM (IST)

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : यहां राजनीति का क, ख, ग सीखना है तो जनाब! विद्यार्थियों के बीच ज़रा अदब से आना होगा। गुंडई और दबंगई से यहां छात्र राजनीति नहीं चलती। यमुना नदी के किनारे स्थित इस कॉलेज में किताबी ज्ञान के साथ ही साथ जमीनी राजनीति का भी पाठ पढ़ाया जा रहा है। यहां चुनाव वही लड़ सकता है जो युवा नियमित कॉलेज आता हो और पढ़ने में भी अच्छा हो।

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हम बात कर रहे हैं कि इविंग क्रिश्चियन कॉलेज (ईसीसी) की। जहां इन दिनों छात्रसंघ चुनाव पूरे रौ में है। अन्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की तरह यहां छात्रनेताओं के साथ न गाड़ियों का काफिला है और न ही कैंपस बैनर और पोस्टर से रंगा और अटा-पटा है। बेहद सादगी और संजीदगी से यहां प्रत्याशी अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

इस कॉलेज ने लिंगदोह समिति की सिफारिशों को पूरी तरह से आत्मसात किया है। साथ ही चुनाव लड़ने की प्रक्रिया भी पूरी तरह से संसदीय है। यहां पहले चरण में कक्षा वर्ग प्रतिनिधियों का चुनाव हो रहा है। इसके लिए अलग अलग कक्षाओं का अगुवा चुना जाना है। इसमें सौ छात्रों की संख्या पर एक प्रतिनिधि होगा, लेकिन यदि संख्या सौ से अधिक है तो दो प्रतिनिधि चुने जाने हैं और दूसरा पद छात्रा के लिए आरक्षित है। यानी आधी दुनिया ने यदि सीधे चुनाव से किनारा किया तो नियमों के कारण उन्हें मुख्य धारा में आना ही होगा। इसके बाद ही यही कक्षा प्रतिनिधि अपने बीच से ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री एवं कोषाध्यक्ष का चुनाव करेंगे। जिसमें आम छात्रों का कोई दखल नहीं होगा।

यही नहीं इस कॉलेज में वही छात्र या छात्रा चुनाव लड़ सकती है जिसकी पिछले सत्र में पचास फीसदी उपस्थिति रही हो। पिछली परीक्षा में कम से कम पचास प्रतिशत अंक मिले हों, उनकी उम्र सत्रह से बाइस वर्ष के बीच हो और उन पर कॉलेज प्रशासन एवं पुलिस ने कभी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न की हो। यह नियम बेहद सख्ती से लागू किया गया है। इसी का परिणाम है कि विज्ञान वर्ग के चार एवं कला वर्ग के पांच छात्रों को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है। इन नौ छात्रों में से छह की उपस्थिति कम थी, दो छात्र आयु में कम थे और एक छात्र के अंक पिछले सत्र में पचास प्रतिशत से कम थे। कॉलेज प्रशासन का दावा है कि चुनाव सिर्फ आपसी खींचतान के लिए नहीं है, बल्कि इसे अच्छे छात्र लड़ें और जीते इसी मंशा से नियम लागू किए गए हैं।

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'लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुरूप चुनाव कराने का निर्देश सभी कॉलेजों के लिए है, लेकिन हमारे यहां समिति के निर्देशों के साथ ही कॉलेज प्रशासन पूरे चुनाव पर निगाह रखता है इसलिए चुनाव बेहतर तरीके से हो रहा है।'

उमेश प्रताप सिंह, सहायक चुनाव अधिकारी इविंग क्रिश्चियन कॉलेज


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