अपर आयुक्त को आइईआरटी में मिली रैगिंग
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी (आइईआरटी) में जूनियर छात्रों की रैगिंग का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। संस्थान प्रशासन और जिलाधिकारी की जांच के बाद अब मंडलायुक्त स्तर पर भी प्रकरण की जांच शुरू हो गई है। सूत्रों की मानें तो आयुक्त स्तर की जांच में रैगिंग होने के सबूत जांच अधिकारी को मिले हैं और संस्थान प्रशासन की रिपोर्ट तार-तार हो गई है। पीड़ित छात्र सहमे जरूर हैं, लेकिन उन्होंने अलग कमरे में रैगिंग के तौर-तरीके विस्तार से गिनाए हैं। निदेशक को भी रैगिंग रोकने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
आइईआरटी में जूनियर छात्रों का सिर मुड़ाने का मामला दिल्ली तक गूंजने के बाद अफसर भी खासे सतर्क हैं। इसीलिए पहले कालेज संस्थान की दो अलग-अलग टीमों ने जांच की और फिर जिलाधिकारी के निर्देश पर एसीएम प्रथम ने मौका मुआयना किया था। इसी प्रकरण में मंडलायुक्त बादल चटर्जी के निर्देश पर सोमवार को अपर आयुक्त कनकलता त्रिपाठी जांच करने संस्थान में पहुंचीं। उन्होंने संस्थान के अफसरों से बातचीत करने के बाद अयोध्या हॉस्टल के पीड़ित छात्रों से अलग कमरे में पूछताछ की। बताते हैं कि पहले सहमे छात्रों ने बाल मुड़वाने के कई कारण गिनाए। इसमें नानी, दादी के मरने व सिर में खुजली आदि होने की बातें कही गई।
सूत्र बताते हैं कि अपर आयुक्त ने करीब तीस छात्रों को विश्वास में लिया तो वह टूट गए और उनको बताया कि सीनियर रात बारह बजे के बाद उनके कक्षों के दरवाजे पीटते थे, बाथरूम का पानी पीने को मजबूर किया जाता था, सारे कपड़े तक उतरवा दिए जाते थे। डराने, धमकाने का सिलसिला रात भर चलता रहता था। छात्रों की सारी दास्तां सुनने बाद अपर आयुक्त ने संस्थान के निदेशक डा. विमल कुमार मिश्र को निर्देश दिया कि वह हॉस्टल में वार्डेन की ड्यूटी रोस्टर के हिसाब से लगाएं, ताकि छात्र आराम से रह सकें। किसके समय में रैगिंग की घटना हुई इस संबंध में भी निदेशक से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही एंटी रैगिंग कमेटी की जांच रिपोर्ट को भी लिया है। कहा जा रहा है कि अपर आयुक्त मंगलवार को अपनी रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौपेंगी। संस्थान में हड़कंप मचा है।
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अभी अफसरों से पूछेंगे सवाल
इलाहाबाद : रैगिंग मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच कर रहे एसीएम प्रथम पुष्पराज सिंह ने बताया कि संस्थान प्रशासन ने अभी संस्थान की एक रिपोर्ट सौंपी है और दूसरी का इंतजार है। उन्होंने बताया कि संस्थान के अफसरों से वह कुछ सवाल भी पूछेंगे वह सवाल तैयार कर रहे हैं। पूरी स्कूटनी के बाद ही जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौपेंगे। बोले प्रकरण गंभीर है इसलिए वह कोई जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं।