विघ्न विनाशक की आराधना में लीन हुए भक्त
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शहर में दस दिवसीय गणेश उत्सव का आगाज गणेश चतुर्थी शुक्रवार को हो गया। दस दिनों तक चलने वाला यह पर्व शहर और ग्रामीण अंचलों में बड़ी धूमधाम से मनाने की तैयारी की गई है। पूजा पंडालों में गजानन की मूर्ति की स्थापना कर पूरे विधि-विधान से पूजा शुरू हो गई। कुछ स्थानों पर तो गजानन के रूप में हाथी की भी पूजा भक्तों द्वारा की गई।
घरों, पंडालों और मंदिरों में भगवान लंबोदर की प्रतिमा स्थापित कर भक्त फूले नहीं समा रहे थे। महिलाएं तो व्रत रख पूरे दिन गणेश की अर्चना में लगी रहीं। पूजन पंडालों में तो गणेश प्रतिमा स्थापित कर ढोल व नगाड़े की थाप पर भक्त जमकर झूमे। कोई थाल नृत्य कर अपने आराध्य प्रसन्न करना चाह रहा था तो कोई लगातार उद्घोष करके। गणपति बप्पा मोरया अगले बरस जल्दी आना गाने पर भी भक्त मगन हो झूमते दिखे। भक्तों की यह आस्था और उमंग पूरे दस दिनों तक शहर व ग्रामीणांचल में दिखेगी।
नगर के मोरी, दारागंज स्थित उत्तराधि मठ, गंगा विहार कम्यूनिटी हाल, न्यू कैंट, तिलक स्मारक भवन अलोपीबाग में गणेश मूर्ति स्थापना के बाद से ही गणेशोत्सव शुरू हो गया है। यहां पर गजानन के भक्तों की श्रद्धा देखते ही बन रही थी। महाराष्ट्र लोक सेवा मंडल अलोपीबाग में सारी रात भक्त पूजन-अर्चन करेंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने भी श्रीगणेश की पूजा की। यहां पर श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा लगा हुआ है। गणेश पूजन यहां 11 दिनों तक अनवरत चलेगा। करेलाबाग स्थित लाल कालोनी, हरिहर बाबा मंदिर, कीडगंज और सिविल लाइंस के जेड गार्डेन में भी विघ्न विनाशक की बड़ी व दर्शनीय प्रतिमाएं मंत्रोच्चार के साथ स्थापित की गई। यहां भी भक्तों का समूह पूजा-पाठ में मगन दिखा।
देवताओं में अग्र हैं गणपति
प्रयाग सेवा समिति द्वारा गणपति की आराधना धर्मराज पांडेय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस मौके पर तीर्थराज पांडेय ने कहा कि भगवान लंबोदर सनातन धर्म के आराध्य हैं। गणेश उत्सव सामाजिक एकता, समरसता और धार्मिकता का प्रतीक है। शाम को यहां ढेलही चौथ भी मनाई गई। पुराना बैरहना में ग्यारहवां सार्वजनिक गणेश उत्सव पूरे वैदिक रीत रिवाज से मनाया जा रहा है। यहां पांच दिनी महोत्सव मनाया जाता है। पं. कौशलेंद्र ने कहा कि प्रत्येक मांगलिक कार्य का शुभारंभ गणपति के ध्यान और पूजन से किया जाता है। यह देवताओं में अग्र हैं।
दस दिनों तक अलग-अलग भोग
पंडित जगदीश तिवारी ने बताया कि गजानन को अति प्रसन्न रखने के लिए भक्त दस दिनों तक अलग भोग लगा सकते हैं। पहले दिन पीला मोदक, दूसरे दिन मगज का लडडू, तीसरे दिन सूजी का हलवा, चौथे दिन बुंदी और तिल का लड्डू, पांचवें दिन गरी-गुड़ का लड्डू, छठे दिन खोए का मोदक, सातवें दिन लाल पेड़ा नारियल, आठवें दिन मेवे तथा लौकी की खीर, नौवें दिन मेवे की बर्फी और दसवें दिन मिठाई का भोग गणपति को बहुत पसंद है।
करिए गणेशाय नम: का जाप
पंडित जयंत ने गणेश पूजन के बारे में बताया कि सुबह स्नान करके ऊं गणेशाय नम: का जाप करना चाहिए। घरों में शुद्ध घी के दीये जलाकर दूध, दूरवा, और लड्डू भी भगवान गणेश को चढ़ाएं और गणेश जी की स्तुति करें। इससे श्रीगणपति प्रसन्न होंगे।