कौन लगाए टीका, कहां मिलेगा कार्ड
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : लाख प्रयास के बाद भी स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन की छापेमारी अस्पताल में जारी है। मंगलवार को अपर आयुक्त कनकलता त्रिपाठी और डिप्टी सीएमओ ने अस्पताल की पड़ताल की। इस दौरान उन्हें स्त्री एवं प्रसूति विभाग में तमाम खामियां मिलीं। वहां न बच्चों को टीका लगाया जा रहा था और न ही किसी महिला के पास कार्ड मिला।
मरीजों ने बताया कि वार्ड में कोई टीका लगाने नहीं आता। महिलाओं को ऐसा कोई कार्ड आदि भी नहीं मिला जिससे कुछ रिकार्ड पता चल सके। लोगों ने बताया कि आपरेशन के लिए उनसे 15 से 20 हजार की दवाएं बाहर से मंगाई जाती हैं। मरीजों ने अपर आयुक्त को दवाओं की पर्ची भी दिखाई। इसको लेकर अधिकारी काफी नाराज हुए। डा. अमृता चौरसिया ने अधिकारियों को बताया कि टीकाकरण आदि का काम सीएमओ आफिस से संबद्ध है। रही बात अन्य व्यवस्थाओं की तो, इसके बारे में शासन को अवगत करा दिया गया है। अपर आयुक्त ने जननी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। महिलाओं ने शिकायत की कि उन्हें डिस्चार्ज के बाद योजना का चेक नहीं दिया जाता। इस पर भी अधिकारियों ने काफी नाराजगी जताई। बता दें कि जननी सुरक्षा योजना के तहत शहरी क्षेत्र में एक हजार व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को चौदह सौ रुपये दिए जाते हैं।
इसके पहले अधिकारियों ने ओपीडी चेक किया। एचआइवी सेंटर का जायजा लिया। इसके बाद आर्थो, गायनिक सहित कई वार्डो का निरीक्षण किया। ब्लड बैंक में कई दिनों से पानी न आने की शिकायत मिली। बताया गया कि यहां की मोटर खराब है जिसे बनाया नहीं जा रहा है। जूनियर डॉक्टर आज भी अप्रेन में नहीं दिखे, जिसको लेकर अधिकारियों ने नाराजगी जताई।
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दवा खरीदी नहीं, बेच रहे धड़ल्ले से
-एसआरएन अस्पताल के मेडिकल स्टोरों पर गड़बड़झाला
-वाणिज्यकर विभाग की जांच में हुआ खुलासा
इलाहाबाद : एसआरएन अस्पताल के आसपास खुली दवा की दुकानों पर खेल हो रहा है। मंगलवार को वाणिज्यकर विभाग की जांच में इस बात का खुलासा भी हो गया। जांच में पता चला कि दुकानों पर ऐसी भी दवाएं बेची जा रही हैं, जो उस दुकानदार ने खरीदी ही नहीं। दो मेडिकल स्टोरों में यह गड़बड़ी पाई गई है। अब विभाग इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
बता दें कि एसीएम द्वितीय अर्चना द्विवेदी के नेतृत्व में सेल टैक्स विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारियों की चार टीमों ने बीते शनिवार को एसआरएन अस्पताल के आसपास खुलीं चार अंग्रेजी दवा की दुकानों में छापेमारी की थी। शाम तक चली कार्रवाई में अधिकारियों ने एक-एक दवाओं की गहन छानबीन की। इन मेडिकल स्टोरों पर सरकारी दवाएं तो नहीं मिलीं लेकिन कुछ दवाओं के रेट कंपनी के रेट से ज्यादा मिले थे। कुछ ऐसी दवाएं भी मिलीं जिनका रिकार्ड दुकान में नहीं था। अधिकारियों ने वहां से काफी मात्रा में ऐसी दवाएं जब्त की थीं। बाद में इन दवाओं को लेकर जब वाणिज्य विभाग ने जांच की तो सच्चाई चौंकाने वाली मिली। एडिशनल कमिश्नर एके गुप्ता ने बताया कि चार दुकानों की जांच पड़ताल की गई है। दो दुकानों पर लगभग सबकुछ ठीकठाक मिला, लेकिन दो दुकानों पर काफी मात्रा में ऐसी दवाएं मिलीं जिनका रिकार्ड दुकानदारों के पास नहीं है। जाहिर है कि इन दवाओं को कहीं न कहीं से खरीदा ही गया है, लेकिन इसकी इंट्री दुकान में नहीं की गई है। इससे साफ हो जाता है कि इन मेडिकल स्टोरों पर काफी बड़े स्तर पर गड़बड़ी की जा रही है। सीधे सीधे टैक्स की चोरी की जा रही है। मरीजों और तीमारदारों से कहा गया है कि दवा खरीद की पक्की रसीद वह दुकानदारों से जरूर लें।