छात्रवृित्त से वंचित रह गए पंद्रह हजार छात्र
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : पंद्रह हजार छात्रों की छात्रवृत्ति का दो करोड़ रुपया वापस लौट गया। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग इस मामले की वजह छात्रों की चूक करार दे रहा है। वहीं छात्र अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की फाइलों में दर्ज आंकड़े से साफ है कि कुल एक लाख 30 हजार छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी थी। इसमें से 80 हजार ओबीसी और 50 हजार सामान्य वर्ग के छात्र थे। छात्रवृत्ति का सारा पैसा भी शासन से मिल गया। इसके बावजूद पंद्रह हजार छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रह गए। यह खेल उस समय हुआ, जब सपा सरकार अपने सारे वादों को पूरा करने का दावा कर रही है। वहीं उन पंद्रह हजार छात्रों में काफी रोष है। इनमें छह हजार छात्र ओबीसी वर्ग के हैं। ये छात्र विकास भवन स्थित पिछड़ा वर्ग कल्याण के कार्यालय में प्रतिदिन एक नई आशा के साथ आते हैं, उन्हें बहाना बनाकर लौटा दिया जाता है।
पिता की जगह लिखा अपना नाम
इस मामले में पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी अशोक कुमार चुटकी लेते हैं। उनका कहना है कि जिन छात्रों को एक फार्म भरना नहीं आता, उनका भगवान ही मालिक है। इन छात्रों ने बैंक में खाता खोलने के लिए फार्म गलत ढंग से भर दिया। कइयों ने तो अपने पिता के नाम की जगह अपना नाम लिख दिया। क्योंकि ऑन लाइन फार्म भरना था, ऐसे में विभाग उसे अपने स्तर से ठीक भी नहीं कर सका। इस तरह की कई तकनीकी खामियों के चलते पंद्रह हजार छात्रों के बैंक में खाते ही नहीं खुल सके। इस वजह से इनकी छात्रवृत्ति का दो करोड़ रुपये शासन को वापस चला गया। निकट भविष्य में पैसा आने की उम्मीद भी नहीं है।