नंदल की कविता में जीवनतत्व
By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 01:24 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 01:24 AM (IST)
इलाहाबाद : नंदल हितैषी अपनी जिंदगी के इर्दगिर्द से कविता का विषय चुनते हैं। रोजमर्रा की अनुभूतियां उनकी कविता को समृद्ध बनाती हैं। यह बातें हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के क्षेत्रीय केंद्र में आयोजित प्रलेस के कार्यक्रम किताबनामा में वरिष्ठ कवि नीलाभ ने व्यक्त किए। नंदल हितैषी ने अपनी कविताओं का प्रभावशाली ढंग से पाठ किया। प्रो. संतोष भदौरिया, नीलम शंकर, श्रीप्रकाश मिश्र, अनिल रंजन भौमिक, हीरालाल, सुरेश कुमार, आनंद मालवीय आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें