फिर गरमाएगा चयन बोर्ड का मुद्दा
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शासन ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष की मुखालफत करने वाले अधिकारियों को किनारे जरूर लगा दिया है, लेकिन मामला अभी ठंडा नहीं हुआ। कार्यवाहक अध्यक्ष के खिलाफ सड़क पर लड़ाई छेड़ने वाले संगठन अपनी मुहिम पुन: शुरू करने वाले हैं। इसको लेकर चयन बोर्ड मुख्यालय पर धरना देने के साथ हस्ताक्षर अभियान फिर शुरू होगा, साथ ही शिक्षक विधायक मुख्यमंत्री से अपनी नाराजगी जताएंगे। बिना कॉल लेटर भेजे प्रधानाचार्य पद का साक्षात्कार करने पर सचिव नीना श्रीवास्तव व अपर सचिव सीएल चौरसिया ने चयन बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. आशाराम यादव का पुरजोर विरोध किया। अध्यक्ष ने दोनों अधिकारियों का वेतन रोक दिया। बाद में चयन बोर्ड का बैंक खाता सीज कर दिया गया। विवाद बढ़ने पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री के साथ अध्यक्ष, सदस्य व अधिकारियों की दो बार पंचायत हुई। इसके बाद प्रमुख सचिव मनोज सिंह ने साक्षात्कार निरस्त करते हुए नए सिरे से कराने का निर्देश दिया। इसे अनदेखा करते हुए डॉ. आशाराम ने साक्षात्कार जारी रखा। इससे नाराज शिक्षक विधायकों ने सदन में मामला उठाया। माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इसके बाद साक्षात्कार बंद हुआ, परंतु जुलाई की शुरुआत में चयन बोर्ड के अपर सचिव सीएल चौरसिया की नियुक्ति डिप्टी डायरेक्टर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में हो गई। फिर 23 जुलाई को नीना श्रीवास्तव की जगह गाजीपुर के अपर जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार को नियुक्त कर दिया गया। अध्यक्ष डॉ. आशाराम के खिलाफ शासन ने कोई कदम नहीं उठाया। इससे नाराज माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता डॉ. शैलेश कुमार पांडेय ने कहा कि शासन ने जनभावनाओं के खिलाफ कदम उठाया है। चयन बोर्ड की कार्यप्रणाली व उसके अध्यक्ष के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा।
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शासन ने हास्यास्पद कदम उठाया है, भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले अधिकारियों को हटा दिया, उनका वेतन नहीं दिलाया। साक्षात्कार के नाम हुए फर्जीवाड़ा पर क्या निर्णय हुआ, किसी को जानकारी नहीं है। इसको लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे, उचित जवाब न मिला तो सदन व सड़क पर संघर्ष होगा।
-सुरेश कुमार त्रिपाठी, शिक्षक विधायक इलाहाबाद-झांसी खंड