कैमरे में कैद होंगी सरकारी डॉक्टरों की गतिविधियां
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर लगाम लगाने को जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली है। हाईकोर्ट के निर्देश पर डॉक्टरों से हलफनामा तो मांगा ही गया है, अब इसकी निगरानी भी की जाएगी। प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की प्रशासन वीडियो रिकार्डिग कराएगा। इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है, जो चिकित्सकों के क्रिया-कलापों पर नजर रखेगी।
सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट पै्रक्टिस को लेकर हाईकोर्ट काफी खफा है। इसे रोकने के लिए कोर्ट ने सीधे तौर पर आदेश दिया है। जिला प्रशासन उसकी तैयारी में जुटा है। प्रदेश के मंडलायुक्तों से कहा गया है कि डॉक्टरों से हलफनामा लिया जाए। आदेश मिलते ही मंडलायुक्तों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। डॉक्टरों को आदेश दिया गया है कि 31 जुलाई तक वह अपना हलफनामा जरूर दे दें। यही नहीं उन पर नजर रखने के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है। इसमें एक अपर आयुक्त, सहायक निदेशक (स्वास्थ्य), एक मजिस्ट्रेट, एक क्षेत्राधिकारी, एक वित्तीय अधिकारी शामिल हैं। यही टीम चिकित्सकों की क्रिया-कलापों पर नजर रखेगी। कहीं भी किसी डॉक्टर की प्राइवेट प्रैक्टिस करने की सूचना मिलती है तो तत्काल वहां की वीडियो रिकार्डिग कराई जाएगी। इसके बाद ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा।
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हाईकोर्ट के निर्देश पर अस्पतालों और डॉक्टरों की क्रिया-कलाप देखने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। वह देखेगी कि क्या हो रहा है। टीम की रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपी जायेगी। -बादल चटर्जी, मंडलायुक्त।