अड़े कर्मचारी, हड़ताल को वैध बताया
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कर्मचारी और विश्वविद्यालय प्रशासन एक दूसरे के खिलाफ खड़े हैं और अपनी बात पर अड़े हैं। रजिस्ट्रार कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध बता रहे हैं और कर्मचारी संगठन वैध। रजिस्ट्रार कर्मचारियों को काम नहीं तो दाम नहीं की बात कह रहे हैं तो कर्मचारी अंतिम लड़ाई के मूड में हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के सीनेट भवन को घेर कर मानव श्रृंखला बनाई और विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये पर रोष व्यक्त किया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षणेतर कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दैनिक वेतन कर्मियों के विनियमितीकरण से संबंधित प्रपत्र जो विश्वविद्यालय ने समय समय पर निर्णय लिए हैं, को भी आम सभा में दिखाया। इसके अलावा कार्यपरिषद के निर्णय, कार्यालय आदेश की प्रति, विधिक राय की प्रति, 2014 में उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय आदि की प्रतियां भी दिखाई। परिषद के अध्यक्ष अशर्फी लाल गौड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ग्रीवांस सेल के गठन की बात कही थी, जिसका निर्णय अभी तक लंबित है। प्रमोशन संबंधी निर्गत आदेश का भी अनुपालन नहीं हो सका है। मृतक आश्रितों की नियुक्ति भी विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की नीतिगत पंगुता और निष्क्रय कार्यप्रणाली से आहत होकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। इस अवसर पर हौसला त्रिपाठी, डॉ. संतोष सहाय, ओपी गुप्ता, राजेश सिंह आदि मौजूद रहे।
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वीसी का पुतला फूंका
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालय चौधरी महादेव प्रसाद के छात्रों ने गुरुवार को कुलपति का पुतला दहन किया। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में प्रवेश कार्य चल रहा है जबकि महाविद्यालय में बंद कर दिया गया है। इससे महाविद्यालय का सत्र विलंबित होगा। छात्रनेता पीयूष श्रीवास्तव, दीपू सोनकर और गोलू सोनकर के नेतृत्व में छात्रों ने अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया। छात्रों ने मांग की कि सीनेट हॉल पर बंद घड़ी ठीक कराई जाए, पीजी कक्षाएं चलाई जाएं और कर्मचारियों की हड़ताल तत्काल खत्म कराई जाए। प्रदर्शन में अनुज पटेल, नीरज सोनकर, प्रशांत आर्य, आबिद, अंगद यादव, विकास, संजय यादव व राजकुमार आदि मौजूद रहे।
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निदेशक का घेराव, रास्ता जाम छात्रों ने गुरुवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रवेश सेल के निदेशक प्रो. जगदम्बा सिंह का घेराव किया। छात्रनेता देवमणि मिश्र के नेतृत्व में छात्रों ने मांग की कि नवप्रवेशी छात्रों का प्रवेश केवल इस आधार पर न रोका जाय कि उनके पास टीसी व माइग्रेशन नहीं है। छात्रों ने ऐसे छात्रों के प्रवेश की अनुमति देने की मांग की। इसके बाद छात्रों ने कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त करने की मांग को लेकर लाइब्रेरी गेट के सामने अपराह्न 1.30 बजे जाम लगा दिया। छात्रों ने कर्मचारियों की जायज मांगे माने जाने और हड़ताल को समाप्त कराने की मांग की। प्रदर्शन में अमरेंद्र सिंह, श्यामकृष्ण पांडेय, जाकिर हुसैन, अभिषेक राय, राकेश, प्रशांत, अनुभव, चंद्रजीत यादव व अखंड प्रताप आदि मौजूद रहे।
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पत्राचार कर्मियों ने वेतन मांगा
विश्वविद्यालय के पत्राचार कर्मियों को पिछले छह माह से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारी पिछले 28 दिनों से विश्वविद्यालय में समायोजित करने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछली कार्यपरिषद की बैठक में कहा था कि यूजीसी से वार्ता कर कर्मचारियों की समस्याओं का स्थाई समाधान निकाला जाएगा पर ऐसा नहीं हुआ। विश्वविद्यालय द्वारा कोई पहल न करने से पत्राचार संस्थान के कर्मचारी और उनका परिवार भुखमरी की कगार पर है। कर्मचारियों को छह माह से वेतन नहीं मिल रहा है। जल्द वेतन भुगतान किया जाए। प्रेम चंद्र कुशवाहा, अखिलेश कुमार त्रिपाठी, भृगुनाथ पांडेय, धीरेंद्र सिंह, सुधाकर पाठक, घनश्याम पांडेय, सुरेंद्र मिश्र, श्याम सुंदर आदि मौजूद रहे।
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महाविद्यालयों में हड़ताल जारी
गुरुवार को महाविद्यालय कर्मचारियों से कुलसचिव की वार्ता की पेशकश फलीभूत न हो सकी। कर्मचारियों का कहना है कि कुलसचिव ने वार्ता के लिए बुलाया था पर उनका पत्र 4 बजकर 10 मिनट पर मिला। ऐसे में ज्यादातर पदाधिकारी जा चुके थे। कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन वार्ता के बाद जब तक मांगों के सापेक्ष कार्यालयीय आदेश नहीं जारी करता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सभा में कानन दास गुप्ता, अंबरीश लाल श्रीवास्तव, अजीत श्रीवास्तव, कैशाल नाथ वैश्य, अरुणिमा, अमिताभ आदि मौजूद रहे।
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कुलपति की गुमशुदगी का पोस्टर छात्रों ने गुरुवार को कुलपति के गुमशुदा होने का पोस्टर विश्वविद्यालय परिसर और डेलीगेसियों में चिपकाया। छात्र पोस्टर लेकर पूरे शहर में घूमे और उनका पता बताने वाले को इनाम देने की बात कही। उधर, कुलपति कार्यालय के बाहर छात्रों का अनशन गुरुवार को भी जारी रहा। इस अवसर पर अमरेंद्र सिंह, अनुभव उपाध्याय, राहुल चौरसिया, प्रभाकर साहू, आदित्य राय आदि मौजूद रहे।