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कराहता रहा गांव, कर्तव्य भूले अधिकारी

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 01:28 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 01:28 AM (IST)

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जिस समय प्रदेश के आला अफसर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की पड़ताल कर रहे थे, उसी समय संक्रामक रोग से पीड़ित एक गांव कराह रहा था। सूबे के मुख्य सचिव की आगवानी में स्थानीय अधिकारी इतने व्यस्त थे कि उन्हें उस गांव की कराह सुनाई तक नहीं दी। बात मांडा ब्लाक के पुरा पांडेय गांव की है जहां उल्टी दस्त की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गई जबकि दर्जनों जीवन मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।

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मांडा विकास खंड के पुरा पांडेय गांव में उल्टी दस्त की शुरुआत 20 जुलाई को कमलेश के घर से हुई। उसके बेटे दीपक 8 को बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया। अभी कुछ घंटे ही बीते होंगे कि गांव के दर्जनों लोग बीमारी की चपेट में आ गए। गांव में हाहाकार मच गया। लोगों ने पास के नीम हकीम से इलाज शुरू कराया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। 21 जुलाई की शाम कमलेश अपने बेटे दीपक को माडा सीएचसी पर ले आया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यहां यह बताना जरूरी है कि जिस समय पुरा पांडेय में बीमारी से हाहाकर व कमलेश के घर मातम पसरा हुआ था, उसी समय स्वास्थ्य विभाग के तमाम आला अफसर प्रमुख सचिव की जी हुजूरी में लगे हुए थे। वह तो भला हो मीरजापुर के लालगंज सीएचसी का जहां की मदद से गांव वालों को कुछ राहत मिली। बावजूद इसके इलाज में देरी से भाईलाल के पुत्र ओंकार 10 की जान नहीं बच सकी।

गांव के रनीता, राजाबाबू, पुष्पेंद्र, आशा, ओम प्रकाश, जच्जे, बुद्धिराम, च्योति, रीता, चेंदुल, सुनील, अनिल, करन, संध्या, अरुण, प्रकाश, ऊषा देवी, शुभम, गुड़िया, ज्योति दुबे, आरती, बसंत लाल, बाबूलाल, नेबू लाल, सूर्यलाल, सुनीता देवी, राम विश्वकर्मा, कोमल, अंजलि दुबे, गुजराती, नीतेश पांडेय, अमरजीत, प्रेमलता, प्रिंस और छोटू आदि को भी बीमारी ने अपनी चपेट में ले रखा है जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में कराया जा रहा है। ग्राम प्रधान महेश पांडेय ने बताया कि माडा सीएचसी के अधीक्षक विजय कुमार को बीमारी फैलने की सूचना दी गई थी। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची जरूर लेकिन खानापूर्ति करके वापस लौट गई।

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बीमारी से बचने को करें जतन

-संक्रमित भोजन और पेयजल का सेवन न करें।

-भोजन से पहले हाथ को साबुन से अच्छे से धोएं।

-हाथ के नाखूनों को साफ रखें और बढ़ने न दें।

-खुले और कटे फल व जूस का सेवन न करें।

-हो सके तो पानी उबालने के बाद छानकर पिएं।

-उल्टी दस्त होने पर जीवन रक्षक घोल का सेवन करें।

-शिशु को लेकर खास सतर्कता बरतें, मां-बच्चे को दूध के साथ ही हल्का भोजन कराएं।


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