हाय ये दूरी, ये कैसी मजबूरी
इलाहाबाद : लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की गुटबाजी सतह पर आती दिख रही है। सोमवार को फिल्म अभिनेत्री अमीषा पटेल के रोड शो में फूलपुर से कांग्रेस प्रत्याशी मो. कैफ नदारद दिखे। यह चर्चा का विषय तो बना ही, साथ ही इससे पार्टी में चल रही गुटबाजी को बल मिल गया।
कहानी की पटकथा तो 15 अप्रैल को नामांकन वाले दिन ही लिखी जा चुकी थी। इसी दिन इलाहाबाद संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नंद गोपाल गुप्ता नंदी और फूलपुर से प्रत्याशी मो. कैफ को एक साथ नामांकन करना था। तय था कि आनंद भवन से दोनों प्रत्याशी एक साथ जुलूस लेकर निकलेंगे। 14 अप्रैल की रात तक कार्यक्रम पूर्व निर्धारित ही रहा। 15 अप्रैल की सुबह मो. कैफ अपना जुलूस लेकर आनंद भवन पर पहुंच गए। नंदी का इंतजार हो रहा था। थोड़ी देर बाद पता चला कि नंदी के जुलूस का रूट बदल गया है। कैफ अकेले ही नामांकन के लिए गए। बाद में नंदी का जुलूस कटरा होते कचहरी पहुंचा। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। नामांकन के ठीक दो दिन बाद यानी 17 अप्रैल को मो. कैफ के समर्थन में फिल्म अभिनेत्री नगमा की सभा गंगापार के होलागढ़ में हुई। पहले चर्चा थी कि नगमा नंदी के लिए भी वोट मांगने आएंगी, वह नहीं आई। इलाहाबाद एयरपोर्ट आकर सड़क मार्ग से लखनऊ के लिए रवाना हो गई। बात अब और आगे बढ़ गई। फिल्म जगत की मशहूर अभिनेत्री अमीषा पटेल का कार्यक्रम तय हुआ। पहले अमीषा की सभा नंद गोपाल गुप्ता नंदी के समर्थन में यमुनापार के करमा बाजार में होनी तय हुई। एक दिन बाद कार्यक्रम टल गया। नया कार्यक्रम घोषित हुआ कि 21 अप्रैल को अभिनेत्री अमीषा कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों के लिए रोड शो करेंगी। उनका रोड शो बमरौली एयरपोर्ट से शुरू होकर मुट्ठीगंज तक आएगा। यहां उनकी सभा होगी। इस रोड शो में मो. कैफ को भी शामिल होना था। इसके बाद न जाने क्या हुआ, ठीक चौबीस घंटे बाद अचानक कार्यक्रम फिर बदल गया। इस बार कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा इलाहाबाद संसदीय सीट को लेकर बनाई गई। यानी रोड शो का रूट भी इलाहाबाद संसदीय सीट को लेकर बनाया गया। सोमवार को हुए अमीषा के रोड शो में न तो कैफ दिखे और न ही उनकी टीम। हां कांग्रेस पदाधिकारियों की उपस्थिति जरूर दम बांधे रही। मंच पर कैफ को न देख चर्चाओं का बाजार गरम रहा। इसके पीछे पार्टी की अंतर्कलह है या कोई रणनीति, यह तो कांग्रेस पदाधिकारी ही जानें पर आम आदमी इसके राजनीतिक कारण ढूंढ रहा है। वैसे इस मामले में नंदी से बात करने की कोशिश की गई, पर उनका फोन नहीं उठा अलबत्ता उनके मीडिया प्रभारी लल्लू लाल गुप्ता का यह जरूर कहना था कि दोनों प्रत्याशियों में कोई विवाद नहीं है। दोनों अपने क्षेत्रों प्रचार कर रहे हैं।
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नामांकन को लेकर पहले नंदी भाई के साथ ही मुझे जाना था लेकिन बाद में पता चला कि उनके जुलूस में कुछ देरी है जिसके चलते मैंने अकेले ही जाकर नामांकन किया। अमीषा पटेल का कार्यक्रम इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र के लिए था इसलिए मुझको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। वैसे पार्टी में गुटबाजी की बात निराधार है।
-मो. कैफ, प्रत्याशी फूलपुर संसदीय सीट।
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पार्टी के अंदर कोई गुटबाजी नहीं है। नगमा ने मो. कैफ के समर्थन में सभा की थी और अमीषा ने नंदी के समर्थन में। दोनों सभाएं पूर्व नियोजित थीं, कहीं से भी कोई अंतर्कलह पार्टी में नहीं हैं। दोनों प्रत्याशी अपने-अपने प्रचार में जोर लगा रहे हैं। पार्टी के जिला और शहर स्तर के पदाधिकारी पूरे मन से दोनों के साथ लगे हैं।
-अभय अवस्थी, शहर अध्यक्ष कांग्रेस।