'समय और मौसम के अनुरूप हो पहनावा'
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : एक स्त्री के लिए जितनी महत्वपूर्ण आंतरिक सुंदरता है उतनी ही महत्वपूर्ण बाहरी सुंदरता भी है। उम्र के साथ हमारे शरीर में ढेरों बदलाव आते हैं। ऐसे में हमें पहनावा हमेशा अपने शरीर की बनावट, समय और मौसम के अनुरूप की करना चाहिए। यह बातें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गृहविज्ञान विभाग में चल रहे होम साइंस मेले में उभरकर सामने आई। विशेषज्ञों ने छात्राओं को फैशन के विभिन्न टिप्स दिए। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग प्राथमिकता में रखना चाहिए। उन्होंने छात्राओं को भारतीय संस्कृति के अनुरूप शालीन पहनावे पर टिप्स दिए। विभिन्न उपकरणों और उनके प्रयोग के बारे में विस्तार से बताया। बताया कि किस तरह से कामकाजी महिलाएं बाजार में मिलने वाले कम दाम के उपकरणों का प्रयोग कर अपना समय बचा सकती हैं और बचा हुआ समय अपने परिवार और व्यवसाय-नौकरी को दे सकती हैं।
दूसरे सत्र में सिस्टर शीबा ने छात्राओं को व्यक्तित्व विकास के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने छात्राओं के सामने आने वाली समस्याओं पर काउंसिलिंग भी की। दो दिन तक चले मेले में स्वास्थ्य परीक्षण किए गए। इसके अलावा छात्राओं द्वारा बनाए गए आभूषणों और परिधानों को भी प्रदर्शित किया गया। जूनियर रिसर्च फेलो अमातुल फातिमा, मोनिशा सिंह, अंशू जौहरी, मनप्रीत कलसी व रेनू सिंह आदि मौजूद रहीं।