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किसी मुरझाए चेहरे को हंसाना और भूखे को भोजन देना दुनिया में सबसे बड़ा पुण्य का काम

टीवी सीरियल कलाकार दीपेश भान ने कहा भाबीजी घर पर हैं शोले फिल्म की तरह है। जिस प्रकार से शोले में हर किरदार हिट है उसी प्रकार से इस सीरियल में भी हर किरदार हिट है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 12:02 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 12:02 AM (IST)
किसी मुरझाए चेहरे को हंसाना और भूखे को भोजन देना दुनिया में सबसे बड़ा पुण्य का काम
किसी मुरझाए चेहरे को हंसाना और भूखे को भोजन देना दुनिया में सबसे बड़ा पुण्य का काम

अलीगढ़ (जेएनएन)।   टीवी एक्टर जिंदगी में तमाम किरदार जीता है। उसका जीवन विभिन्न किरदारों से भरा होता है। मगर, अभिनय के क्षेत्र में वह दर्शकों के मन-मस्तिक पर ऐसा छा जाता है कि लोग उसकी जिंदगी के तमाम पहलुओं को नहीं जान पाते हैं। चेहरे पर घनी दाढ़ी और बड़ी मूंछों के साथ एक ऐसे ही किरदार दैनिक जागरण अलीगढ़ के फेसबुक पर शनिवार को लाइव हुए। एक- दो नहीं बल्कि पूरे देश में उनके लाखों प्रशंसक हैं। सभी ने पहला सवाल किया मलखान जैसे आप नहीं लग रहे हैं। जी हां, टीवी पर चर्चित सीरियल भाबीजी घर पर हैं में मलखान की भूमिका में दिखने वाले दीपेश भान से हर किसी के यही सवाल थे। टीवी सीरियल में क्लीन सेव और बहुत पतली मूंछे उनकी पहचान थी। पर चेहरे के भाव और उनके बोलने के अंदाज ने बता दिया कि उनके अंदर सैकड़ों किरदार हैं जो हर पल उसे महसूस करते हैं। अलीगढ़वासियों से बातचीत में जब उन्होंने ब्रज का तड़का लगाया तो वह हर किसी के दिलों में छा गए। बस ऐसा लगा कि मानों यह अपना किरदार है। उन्होंने भी दिल खोलकर बातें की। 

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शोले की तरह हर किरदार हिट 

दीपेश भान ने कहा कहा कि भाबीजी घर पर हैं शोले फिल्म की तरह है। जिस प्रकार से शोले में हर किरदार हिट है उसी प्रकार से इस सीरियल में भी हर किरदार की अहम भूमिका है। निर्माता शशांक वाली ने बहुत ही खूबसूरत तरीके से इसे बनाया है। उसी में से एक किरदार मलखान का भी है। 

मनोज की लेखनी में माटी की खुशबू 

हर किरदार की तरह दीपेश भान भी भाबीजी घर पर हैं के स्क्रिप्ट राइटर मनोज संतोष की तारीफ  करना नहीं भूले। दीपेश ने कहा कि उनकी लेखनी में माटी की खुशबू होती है। दरअसल गांव, खेत, खलिहान, मेड़ और पगडंडी सबकुछ उन्होंने जीया है। वह अलीगढ़ की माटी से जुड़े रहे हैं जो यह सब जीता है उसकी कलम से उसकी माटी की खुशबू जरूर उठती है। ऐसा ही संतोषी जी के साथ भी है। साथ ही शशांक बाली और संतोषी जी का तालमेल अच्छा है जिससे हम कलाकारों को काम करने में भी खूब मजा आता है। 

जल्द ही होंगे आपके सामने 

दीपक ने सवाल किया कि सीरियल की शूटिंग कब से शुरू हो रही है। इस पर दीपेश ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की तरफ से तो हरी झंडी मिल गई है। मुझे लगता है कि जल्द ही शूटिंग शुरू हो जाएगी। करीब ७५ दिन बाद फिर मेरा पुराना लुक आ जाएगा। 

जताया आभार 

दैनिक जागरण के यूनिट हेड नीतेश झा और संपादकीय प्रभारी अवधेश माहेश्वरी ने आभार जताया। दीपेश ने भी अलीगढ़ के लोगों से रुबरु कराने के लिए जागरण का आभार जताया।। 

यह किए गए सवाल 

फैजान ने पहला सवाल किया। अपनी जिंदगी के बारे में बताइएए कैसे टीवी सीरियल भाबीजी घर पर हैं तक पहुंचे। दीपेश भान हल्का सा मुस्कुराएं। कहा, अच्छा सवाल है। 15 साल पहले जब मुंबई मैं पहुंचा तो मेरी असली जिंदगी की शुरुआत हुई। छह महीने तो मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया कि किस डायरेक्टर और राइटर से मिलना है। जिंदगी का स्ट्रगल शुरू हो गया। ऐसा लगा कि कहीं गलत निर्णय तो नहीं हो गया। फिर धीरे-धीरे गाड़ी आगे बढ़ी। तमाम शो किए पर भाबीजी घर पर हैं से असली पहचान मिली। 

डटकर करना चाहिए मुकाबला 

राज सक्सेना ने कहा कि सोच रखिए पॉजिटिव रिपोर्ट आएगी निगेटिव इस पर दीपेश खुश हो गए। उन्होंने कहा देखिए कोरोना एक अदृश्य दुश्मन है। मगर इससे हमें डरना नहीं है। जिस प्रकार से हमें चीन से डर रहता था मगर हमारी सेना के हौसले को देखकर हम लोगों की हिम्मत बढ़ गई, उसी तरह से हमें कोरोना से कतई नहीं घबराना है। हमें एक फाइटर की तरह जिंदगी जीना है। 

हंसाना सबसे बड़ी पूजा 

दीपेश भान ने कहा कि किसी मुरझाए चेहरे को हंसाना और भूखे को भोजन देना दुनिया में सबसे बड़ा पुण्य का काम है। इसलिए किसी बस जीवन में खुशियां बिखरने का काम करें। देखिए जीवन में कभी भी आप सोचे कि आपके रास्ते में मुश्किल बहुत हैं, जिंदगी में कठिनाई बहुत है। ऐसे समय में सिर्फ आप अपने नीचे वालों को देख लीजिएए बस आपको सुकून मिलेगा। आपको लगेगा कि आप तब भी अच्छे हैं तमाम ऐसे लोग हैं जो आपसे कहीं ज्यादा परेशान हैं। सच मानिए जिंदगी एक जंग है।

चमचम और गजक है लाजवाब 

फेसबुक पर संजय माहेश्वरी का मैसेज देखते ही दीपेश भान खुश हो गए। उन्होंने कहा कि सच अलीगढ़ से मुझे बहुत प्यार मिलता है। ऐसे लगता है कि अपने वहां पर हैं। संजय माहेश्वरी हमें इगलास की चमचम और गजक भेजते रहते हैं। संजय से वादा किया कि माहौल ठीक होते ही अलीगढ़ जरूर आऊंगा। 

भावुक हो गए 

बातचीत में दीपेश भावुक हो गए। कहा, शेखर सर्राफ  के निधन की सूचना से बहुत दुख हुआ। हालांकि, खुशी की बात है कि उनके परिवार के लोग इस संकट से बाहर आ गए। दीपेश ने कहा कि सुमित सराफ मेरे अच्छे मित्रों में हैं। मेरी दुआएं हैं कि वह स्वस्थ्य और मस्त रहे। 

यह भी हुए शामिल 

डॉ. चंद्रशेखर शर्मा, मयंक माहेश्वरी, आदित्य नारायण अवस्थी, अरुण यादव, दौलत राम शर्मा, अरशद फारूकी, योगेंद्र आर्य, अमित शर्मा, मोहित, राजेश विक्रम जीनवाल, सुनील दिवाकर, मनीष, शरद गुप्ता, शिवानी, ललित कुमार, सोनालिका ने सवाल किए। 


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