यह कहानी थोड़ी फिल्मी है
कार्यालय संवाददाता, अलीगढ़ : यह कहानी थोड़ी फिल्मी है। पुलिस विभाग में कार्यरत पति-पत्नी और एक टैंपो चालक की बीवी कहानी के मुख्य पात्र हैं, जबकि पति की बहन सहायक कलाकार की भूमिका में हैं। कहानी से पर्दा तब उठता है जब शुक्रवार को जिला जेल के बाहर इन चारो में से तीन पात्रों के बीच मारपीट और हाथापाई से हंगामा हो जाता है और सभी को पकड़ कर थाने लाया जाता है।
यह है कहानी
भर्तना, आगरा निवासी स्मृति यहां जबकि उसका पति अरविंद आगरा पुलिस लाइन में हैड कांस्टेबल है। वह इटावा के गांव मिलक कर रहने वाला है। उनकी शादी 1995 में हुई थी। एक बेटी भी है। आगरा ट्रैफिक पुलिस में तैनाती के दौरान एक टेंपो चालक की पत्नी से उसका कथित प्रेम संबंध हुआ। आरोप है कि उसने उससे मंदिर में शादी भी कर ली। यह बात जब उसकी पत्नी स्मृति को पता चली तो उसने 2005 में उसके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया। 21 सितंबर को पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
ऐसे हुआ बवाल
अरविंद के जेल में होने की सूचना जब उसकी प्रेमिका को चली तो वह अरविंद की बहन को साथ लेकर शुक्रवार को उससे मिलने यहां जिला कारागार पहुंच गई। यहां उसका सामना अरविंद की पत्नी स्मृति से हुआ तो दोनों पक्षों में हाथापाई से हंगामे की स्थिति पैदा हो गई। महिला पुलिस इन सभी को थाने ले आई।
आरोप प्रत्यारोप
स्मृति का कहना है कि वह पुलिस लाइन में रहती है। सुबह वह जेल के बाहर चक्की से आटा लेने गई तो उसके पति की प्रेमिका, बहन व अन्य लोगों ने उसे पकड़ लिया और यह कहते हुए मारपीट की कि इसने ही अरविंद को जेल भिजवाया है। उधर अरविंद की बहन मीरा का कहना था कि वह स्मृति द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमें में जमानत कराने आई थी। भाई की महिला मित्र से उसका कोई लेना-देना नहीं है, जबकि कथित महिला मित्र का कहना था कि सिपाही की बहन ने ही उसे वहां बुलाया था।
गुत्थी सुलझाने की कोशिश
फिलहाल अब सीओ सिविल लाइंस इस प्रेम त्रिकोण की गुत्थी सुलझाने की कोशिश में लगे हैं।
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