शिब्बोजी की कचौड़ी पर हर कोई फिदा
अलीगढ़: यहां आएं और 'शिब्बो की कचौड़ी' न खाएं तो बात कुछ अधूरी ही लगती है। वैसे तो शहर की हर गली में
अलीगढ़: यहां आएं और 'शिब्बो की कचौड़ी' न खाएं तो बात कुछ अधूरी ही लगती है। वैसे तो शहर की हर गली में कचौड़ी के ठेले मिलेंगे, लेकिन शिब्बो की बात ही कुछ और है। राज्यपाल कल्याण सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, कलराज मिश्र, अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा, महिमा चौधरी, टीवी एक्ट्रेस कनिका माहेश्वरी, 'भाबीजी घर पर हैं' के लेखक मनोज संतोषी समेत तमाम हस्तियां कचौड़ी के साथ रायता व आलू की तीखी सब्जी का स्वाद ले चुकी हैं। 66 साल पहले शिवनारायण शर्मा उर्फ 'शिब्बोजी' ने कोई दूसरा काम न जंचने पर वर्ष 1951 में खाईडोरा में 'जय शिव कचौड़ी भंडार' (शिब्बोजी) के नाम से इसकी शुरुआत की थी। देसी घी में तली कचौड़ी का स्वाद सबकी जुबान पर ऐसा चढ़ा कि आज शिब्बोजी की तीसरी पीढ़ी के सुमित शर्मा दिनरात इसी में व्यस्त दिखते हैं। 2002 से 'स्पेशल कचौड़ी' भी बना रहे हैं, जो 10 दिन तक खराब नहीं होती। जाने वाले अमेरिका, जापान, इंग्लैंड, सिंगापुर व कनाडा तक इसे ले जा चुके हैं। दो साल से होम डिलीवरी की सुविधा भी शुरू हो चुकी है। खाने वाले आज भी मुरीद हैं। ब्रह्मानपुरी निवासी महेंद्र हरकुट (70) कहते हैं, जमाना बदला, पर शिब्बोजी की कचौड़ी नहीं। रायता, सब्जी व कचौड़ी के आटे में पड़ी हींग पाचन भी ठीक रखती है। कासिमनगर निवासी हाजी यामीन (72) याद करते हैं कि वर्ष 1955 में तीन किमी चलकर कचौड़ी खाने आते थे। तब, एक रुपये में 10 मिलती थीं। अब मजबूत दांत नहीं रहे तो हलवा-पूड़ी ही खा पा रहा हूं।