डायबिटीज की दवा के नए रजिस्ट्रेशन बंद
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : डायबिटीज की 'चमत्कारिक' यूनानी दवा की खोज ने एएमयू के अजमल खां तिब्बिया कॉ
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : डायबिटीज की 'चमत्कारिक' यूनानी दवा की खोज ने एएमयू के अजमल खां तिब्बिया कॉलेज में कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति ला दी है। दवा पाने के लिए शुक्रवार को कई जिलों के 250 से अधिक मरीज पहुंच गए और रजिस्ट्रेशन का आग्रह करने लगे। विकट स्थितियों को देखते हुए तिब्बिया कॉलेज ने किसी और का रजिस्ट्रेशन नहीं करने का फैसला किया है। दवा खोजने वाले प्रो. नईम अहमद खान ने कहा कि इस तरह की मारामारी से क्लीनिकल ट्रायल ही संकट में घिर जाएगा। इतने मरीजों को एकसाथ मुफ्त दवा देना और उन पर दवा का असर जांचना भी मुश्किल है। लिहाजा, पहले चरण में सिर्फ 200 मरीजों को ही ट्रायल का हिस्सा बनाएंगे। यह आंकड़ा पूरा हो चुका है। किसी और को अब न तो यहां से दवा दी जाएगी, न ही किसी का पंजीकरण ही होगा।
डायबिटीज से मुक्ति के लिए हर कोई छटपटा रहा है। तिब्बिया कॉलेज के प्रो. नईम की टीम ने जड़ी-बूटी से जो दवा ईजाद की है, वह टाइप-टू डायबिटीज पीड़ितों में नई उम्मीद जगा रही है। हालांकि, दवा का अभी 55 मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। तीन महीने तक दवा देने के बाद इसके अंतिम नतीजे पता लगेंगे। पर, चूहों पर सफल प्रयोग और इंसानों पर चमत्कारिक असर पर केंद्रित खबर ने नई होड़ मचा दी। यह खबर दैनिक जागरण के 18 जुलाई के अंक में छपी थी। इसके बाद रोजाना ही तमाम लोग दवा लेने पहुंच रहे हैं। हालांकि, दवा का पुराना स्टॉक खत्म हो चुका है। तिब्बिया दवाखाने को चार लाख गोलियां बनाने का नया ऑर्डर दिया गया है। मगर, शुक्रवार को दवा पाने के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन के लिए एक विभाग में ही 250 से ज्यादा लोग पहुंच गए। आम दिनों में सभी विभागों में बमुश्किल 40-50 मरीज ही आते हैं।
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