राख बनी लोगों के लिए नासूर
अलीगढ़ : जवां कासिमपुर पावर हाउस में बिजली उत्पादन में प्रयोग कोयला से निकलने वाली राख से आमजन का ज
अलीगढ़ : जवां कासिमपुर पावर हाउस में बिजली उत्पादन में प्रयोग कोयला से निकलने वाली राख से आमजन का जीन दुश्वार हो गया है। अवैध तरीके से ट्रेक्टर ट्रॉली से इस राख को दूसरे स्थान के लिए ले जाना सामान्य बात है। इस ओर न तो प्रशासन ध्यान दे रहा ना ही प्लांट के वरिष्ठ अधिकारी।
प्लांट के राख भंडारण से पिछले चार दिन से तेज आंधी से राख के गुबार उड़ने से कस्बा जवां व आसपास गांव के ग्रामीण परेशान हैं। राहगीरों के लिए तो ये नासूर साबित हो रही है। जब मौसम का अचानक मिजाज बिगड़ता है, तब किसान खेत खलियान में काम करते हैं। इस दौरन बाइक या साइकिल से गुजरते है, तब राख के गुबार चालक की आंखों में भर जाती है। इससे हादसे का डर रहता है। आंखें सुर्ख हो जाती हैं। शरीर के कई अंगों के लिए हानिकार होती है। चेहरे की तो सूरत ही बिगड़ जाती है।
नेशनल हाईवे 93 के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। कार्यदायी संस्था जिस बाईपास को उठाने के लिए भराव कर रही है, उसमें राख डाल जा रही है। नियमानुसार दिन में कम से कम दिन बर पानी का छिड़काव होना चाहिए। मगर एक भी बार छिड़काव किया जा रहा है। राख प्रदूषण से क्षेत्र मे स्वांश, अस्थमा, दमा, हार्ट संबधी बिमारियों के साथ आंख रोग की शिकायत भी बढ़ रही हैं।
वर्जन
राख ट्रेक्टर ट्राली से जा रही है, तो अवैध है। इसे बंद वाहन से ही ले जाना चाहिए। भंडारण पर ठेकेदार नियमित पानी का छिड़काव करे। मामले की पड़ताल की जाएगी। लापरवाही बर्दाश्त नहीं।
- कालिका सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।