सपा पर चाटुकारों-चापलूसों का कब्जा: डॉ. रक्षपाल सिंह
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : समाजवादी पार्टी में घरेलू कलह के बीच अब स्थानीय नेता भी संगठन व सरकार में
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : समाजवादी पार्टी में घरेलू कलह के बीच अब स्थानीय नेता भी संगठन व सरकार में पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। करीब 40 साल से समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ा रहे डॉ. रक्षपाल सिंह भी ऐसे ही नेताओं में से एक हैं। दो बार पार्टी के जिलाध्यक्ष और मौजूदा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रहे डॉ. सिंह ने शुक्रवार को दैनिक जागरण से कहा कि सपा पर चाटुकारों और चापलूसों का कब्जा हो चुका है। कहा, पुराने लोगों को कोई पूछ भी नहीं रहा। पार्टी के विधायक कोटेदारों से पैसा उगाही करा रहे हैं। उन्होंने क्या-कुछ कहा, सुनिये..
सपा में पारिवारिक कलह का कारण क्या मानते हैं?
पार्टी में चाटुकारों व चापलूसों की घुसपैठ हो गई है। पुराने कार्यकर्ताओं को हटाकर बाहरी लोगों के गुट बना लिए गए हैं। यही विवाद की असली वजह है। अमर सिंह व आशु मलिक जैसे सलाहकार यही करा सकते हैं।
विधायकों-मंत्रियों ने संगठन की सुनी है न?
मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि विधायकों व मंत्रियों का रवैया संगठन के लोगों के बीच ठीक नहीं रहा। ये लोग भी बाहरी लोगों के गुट बनाकर कमाई कर रहे हैं।
अलीगढ़ में चार विधायक हैं। कोई मंत्री नहीं बन पाया?
ईमानदार व निष्ठावान विधायकों को छोड़कर दागियों और चापलूसों को मंत्री बनाया जा रहा है। जिले के चारो विधायकों में से कोई मंत्री पद के योग्य नहीं है, ऐसा कतई नहीं।
क्या जनता के बीच पार्टी की छवि बिगड़ रही है?
जनता तो विधायक को विकास कार्यो के लिए चुनती है, मगर जिले में विधायक राशन की दुकानों से वसूली करा रहे हैं। अफसरों से अभद्रता करते हैं। ऐसे लोग पार्टी का मटियामेट कर देंगे।
अखिलेश सरकार का कामकाज कैसा रहा?
शुरुआती साल में मुख्यमंत्री ने बेहतर सरकार चलाई थी। उनके कामों को जन-जन तक पहुंचाने की किसी को चिंता नहीं है। चुनाव में पार्टी को इससे नुकसान हो सकता है।
क्या चुनाव तक पारिवारिक कलह खत्म हो जाएगी?
पार्टी ने 'सैफई परिवार' को सबकुछ सौंप दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और तमाम मंत्री वहीं से हैं। इन्हें और क्या चाहिये? दरअसल, इनके इर्द-गिर्द जमा लोग विश्वासघात कर रहे हैं। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि चुनाव से पहले यह कलह खत्म हो जाए।