पहले हमला करते तो 32 आतंकी कैंप होते नष्ट
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : उड़ी हमले के 10 दिन बाद ही की गई भारतीय कमांडो की कार्रवाई से पूर्व सैनिकों
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : उड़ी हमले के 10 दिन बाद ही की गई भारतीय कमांडो की कार्रवाई से पूर्व सैनिकों के भी हौसले बुलंद हैं। उन्होंने इस कार्रवाई को दिलेरी भरा बताया। कहा,यदि उन्हें भी मौका मिला तो वे भी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में पीछे नहीं हटेंगे, बस एक बार उन्हें युद्ध लड़ने के लिए बुला लिया जाए। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की विष्णुपुरी में गुरुवार शाम को हुई बैठक में पूर्व सैनिकों ने कहा कि भारतीय कमांडो ने पाकिस्तान में तीन किमी अंदर घुसकर सर्जिकल ऑपरेशन किया है, जो साहसिक कदम है।
परिषद के ब्रज प्रांत के महामंत्री फ्लाइट इंजीनियर वीके गुप्ता ने भारत की कार्रवाई की सराहना की। कहा, उड़ी हमले के तुरंत बाद भारत हमला करता तो पाकिस्तान की सीमा में चल रहे 32 आतंकी कैंप तबाह हो गए होते। एक हजार से अधिक आतंकी मारे जाते। वीके गुप्ता ने कहा कि हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलेरी से भाषण दिया था, उससे पाकिस्तान भयभीत हो गया और आतंकवादी सतर्क हो गए। आतंकवादियों ने कैंप उखाड़ लिए। 32 में से मात्र सात कैंप बचे। वीके गुप्ता ने कहा कि देश के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यदि पाकिस्तान ने हमला किया तो उसका पूरी तरह से तबाह होना निश्चित है।
कैप्टन आसीन खान ने कहा कि आतंकी शिविर पर हमले से देश के लोगों में उत्साह है। चंद्रपाल सिंह व अभिषेक मिश्रा ने भी भारत की कार्रवाई को सराहा।
पूरी प्लानिंग से हुई कार्रवाई
वीके गुप्ता ने कहा कि भारतीय सेना ने पूरी प्लानिंग से सर्जिकल ऑपरेशन किया है, वरना पाकिस्तान की सीमा में घुसना मौत के मुंह में जाने से कम नहीं था। इसके बाद भी हमारे 25 कमांडो ने आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया और सकुशल लौट आए।
हमले के लिए लिखा था पत्र
वीके गुप्ता ने कहा कि उड़ी में हुए आतंकी हमले से वे आहत थे। विष्णुपुरी स्थित कार्यालय पर पूर्व सैनिकों का जमावड़ा लगा रहता था। सबका कहते थे कि कब तक हमारे जवान ऐसे शहीद होते रहेंगे। पाकिस्तान को सबक सिखाने का मौका आ गया है। इसके बाद उन्होंने अपने संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जनरल वीएम पाटिल को पत्र लिखकर आतंकियों को सबक सिखाने की मांग की।