पावर प्लांट में फंसी साहब की नौकरी
अलीगढ़ : नीलामी की कगार पर खड़े एशिया के सबसे बड़े 100 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का मामला गरमा गया ह
अलीगढ़ : नीलामी की कगार पर खड़े एशिया के सबसे बड़े 100 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का मामला गरमा गया है। यूपी नेडा की निदेशक डॉ. काजल ने परियोजना अधिकारी सीपी वर्मा को इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए जांच के निर्देश दिए हैं।
जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर अतरौली तहसील क्षेत्र के गांव कल्याणपुर खेड़ा में नौ बीघा में 100 किलोवाट सोलर पावर प्लांट की नींव 1992 में रखी गई थी। 11 नवंबर 1997 को मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने इसे जनता को समर्पित किया था। इस पर तीन करोड़ रुपये खर्च हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का यह गृह क्षेत्र है। यहां बनने वाली बिजली में से 25 मेगावाट पनेहरा ग्रिड को भेजी जाती थी। शेष 75 मेगावाट से कल्याणपुर खेड़ा, नगला धैार्रा, प्रेमनगर में बिजली की आपूर्ति होती थी। देखरेख के अभाव में यह प्लांट कंडम हो चुका है। चार माह पहले ही इसे नीलाम करने की तैयारी भी शुरू हुई। 16 अप्रैल को लखनऊ से मूल्यांकन अफसर टीएन चतुर्वेदी ने नेडा के परियोजना अधिकारी सीपी वर्मा, अवर अभियंता पीएन पांडेय के साथ प्लांट का आकलन किया था। उन्होंने सर्वे की रिपोर्ट शासन को दी। इसमें प्लांट की कीमत करीब 53 लाख रुपये आंकी गई। विशेषज्ञों का मानना था कि कीमत अधिक आंकी गई है। इसके आधार पर नीलामी मुश्किल होगी। नेडा के अफसरों ने 29 अप्रैल को निदेशालय को पत्र लिखा था। इस पर निर्देश मिला कि जिला स्तर पर कमेटी गठित कर नीलामी कराई जाए। इसकी प्रक्रिया चल रही थी।
इतने में नेडा निदेशक के तेवर तल्ख हो गए हैं। उन्होंने जुलाई अंतिम सप्ताह में भी आधा दर्जन से अधिक बिंदुओं पर निदेशक ने सीपी वर्मा को दोषी ठहराया। इसका जवाब उन्होंने दे दिया, पर अभी राहत नहीं मिली है। अब उनके खिलाफ जांच बैठाई गई है। शनिवार को सीडीओ डीएस सचान कल्याणपुर का दौरा कर सकते हैं। इसके लिए सीपी वर्मा से उन्होंने बात की है।