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अलीगढ़ की झोली फिर रह गई खाली

अलीगढ़ : शिक्षा की पतवार लिए जिले के शिक्षकों की झोली आज भी खाली ही है। हां संतोष के लिए यह कह सकते

By Edited By: Published: Sat, 05 Sep 2015 02:20 AM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2015 02:20 AM (IST)
अलीगढ़ की झोली फिर रह गई खाली

अलीगढ़ : शिक्षा की पतवार लिए जिले के शिक्षकों की झोली आज भी खाली ही है। हां संतोष के लिए यह कह सकते हैं कि जट्टारी के गांव विचपुरी निवासी सत्यपाल सिंह तोमर जरूर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने जा रहे हैं। वे बुलंदशहर के एलडीएवी इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य हैं। दरअसल, हर अच्छे शिक्षक की तमन्ना होती है कि उसे प्रोत्साहन मिले, सम्मान मिले। सरकार खुद राष्ट्रपति या राज्यपाल पुरस्कार के लिए नाम भेजती है। दुखद है कि बीते नौ साल से जिले के किसी शिक्षक को राज्यपाल या राष्ट्रपति का पुरस्कार नहीं मिला। ऐसा भी नहीं कि यहां के शिक्षकों की योग्यता और कर्मठता पर किसी को कोई संदेह हो। मगर, जब नाम ही आगे नहीं जाएंगे तो आकलन कहां से होगा? बीते साल भी बीएसए दफ्तर में एक पत्रावली कागजों के ढेर में दबी रह गई। इसकी शिकवा-शिकायत तमाम अफसरों से लेकर मुख्यमंत्री तक हुई। जांच के आदेश भी हुए, मगर तब तक देर हो चुकी थी। इस साल भी राज्यपाल व राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए 15 फरवरी तक आवेदन मांगे गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी एसपी यादव का कहना है कि उन्हें कोई आवेदन ही नहीं मिला, जो पुरस्कार के लिए आगे बढ़ाते।


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