दिल में छेद है तो डरें नहीं इलाज कराएं
अलीगढ़ : किसी बच्चे को दिल की बीमारी है तो घबराने की नहीं, इलाज कराने की जरूरत है। बच्चों की आम बीमा
अलीगढ़ : किसी बच्चे को दिल की बीमारी है तो घबराने की नहीं, इलाज कराने की जरूरत है। बच्चों की आम बीमारी दिल के छेद की होती है। छोटे छेद तो खुद ही समय के साथ भर जाते हैं, लेकिन बड़ों के लिए डॉक्टरी सलाह और इलाज जरूरी है। किलकारी हॉस्पिटल में सोमवार से शुरू हुए बाल हृदय रोग क्लीनिक में अपोलो हॉस्पिटल की वरिष्ठ बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीषा चक्रवर्ती ने यही टिप्स दिए। उन्होंने 10 बच्चों के दिल की ईको जांच की। सलाह भी दी।
डॉ. मनीषा ने बताया कि अगर कोई बच्चा दूध पीते समय पसीना-पसीना हो जाता हो, उम्र के हिसाब से वजन व विकास न हो रहा हो, सांस तेज चलती हो, बच्चा रोते हुए नीला पड़ जाता हो, थोड़ी देर खेलने में ही थक जाता हो या हृदयगति असामान्य हो तो डॉक्टर की सलाह से जांच करानी चाहिये। किलकारी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. विकास मेहरोत्रा बताते हैं कि देश में जीवित पैदा हो रहे 1000 बच्चों में से आठ-10 पैदाइशी तौरपर हृदय रोगी हैं। इनमें से 68 फीसद में शरीर नीला नहीं पड़ने से पहचान कठिन हो जाती है। डॉ. मेहरोत्रा के मुताबिक 95 फीसद बच्चों का इलाज संभव है, बशर्ते समय से बीमारी मालूम हो जाए। उन्होंने कार्डियक हेल्पलाइन नंबर (9456278577) भी शुरू की है, जिस पर पहले से पंजीकरण करा सकते हैं। यहां गरीब बच्चों को न सिर्फ मुफ्त सलाह मिलेगी, बल्कि जांच भी होगी।
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