दारोगा की दबंगई ने छुड़वाया गांव
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : वर्दी का रौब दिखाकर दारोगा ने दलित परिवार को न सिर्फ गांव छोड़ने पर मजबूर क
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : वर्दी का रौब दिखाकर दारोगा ने दलित परिवार को न सिर्फ गांव छोड़ने पर मजबूर किया, रोजी-रोटी का भी अधिकार छीन लिया। अदालत का सहारा मिला तो आरोपी दारोगा के विरुद्ध उसी के थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।
दादों क्षेत्र के गांव ततारपुर निवासी गोविंद का कहना है कि 17 फरवरी- 14 को पत्नी रामबेटी का अपहरण हुआ, जिसमें गांव की सर्वेश व गुड्डी देवी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचना सीओ अतरौली कर रहे थे। पुलिस पत्नी को बरामद न कर सकी। बाद में विवेचना दारोगा सौदान सिंह यादव को दे दी गई। पीड़ित के वकील शिवकुमार शर्मा ने बताया कि विवेचक ने आरोपियों से मिलकर पीड़ित पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। गांव छोड़कर जाने को मजबूर कर दिया। पीड़ित को खेती भी नहीं करने दी। गोविंद का कहना है 9 नवंबर 2014 को वह खेत पर जा रहा था, रास्ते में दारोगा मिला। दारोगा मुकदमा वापस लेने को दबाव बनाने लगा। गांव के लोगों से जान से मरवाने की धमकी दी। कोर्ट में डाली याचिका में पीड़ित ने कहा कि उसके साथ घटना होने पर दारोगा जिम्मेदार होगा।
पांच माह बाद मुकदमा
अदालत ने दारोगा समेत पांच लोगों के खिलाफ आठ जनवरी को आदेश दिए। नामजदों में सर्वेश और गुड्डी देवी भी थी। फिर भी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। वकील ने बताया कि कई बार रिमाइंडर भेजा गया, तब जाकर 6 जून को दादों थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।