जांच एक, रिपोर्ट दो
मयंक त्यागी, अलीगढ़ दुनिया तेजी से बदल रही है, लेकिन नकल का गढ़ अतरौली शायद उससे भी आगे निकल चुका
मयंक त्यागी, अलीगढ़
दुनिया तेजी से बदल रही है, लेकिन नकल का गढ़ अतरौली शायद उससे भी आगे निकल चुका है। यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्र बनने को लेकर यहां गजब का खेल हो रहा है। जिस कॉलेज में तीन महीने पहले शानदार इंतजाम थे। कमरे भी 14। शासन ने यहां की रिपोर्ट मांगी तो कमरे आधे रह गए। किसी में भूसा भरा, कोई जर्जर। कमाल देखिए, दोनों ही रिपोर्ट एक ही अफसर की हैं। कॉलेज संचालक सरेआम कह रहे हैं कि रिश्वत नहीं दी तो रिपोर्ट बिगाड़ दी।
परीक्षा की तैयारी
बोर्ड परीक्षा केंद्र बनवाने की प्रक्रिया अक्टूबर में शुरू हुई थी। नकल के लिए कुख्यात अतरौली पर सबका ध्यान था। जनपदीय समिति ने एसडीएम अतरौली से पहले चरण में यहां के 175 विद्यालयों के संसाधनों पर रिपोर्ट मांगी। पूछा, बीते साल सेंटर बना था या नहीं? छात्र धारण क्षमता, कक्ष संख्या व फर्नीचर की उपलब्धता क्या है? विद्यालय की साख कैसी है?
भेजी सिफारिश
अतरौली एसडीएम राजकुमार ने 115 स्कूलों की नवंबर-14 में सत्यापन रिपोर्ट भेजी। इसमें महीपाल सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अटा की रिपोर्ट गौरतलब है। यहां 14 कमरे बताए गए। परीक्षा सामग्री रखने का पर्याप्त स्थान व अच्छी छवि भी बताई। एदल सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी 14 कमरे, अच्छी छवि और पर्याप्त संसाधन गिनाए गए। दोनों को केंद्र बनाने की सिफारिश भी की।
शासन तक
जनपदीय समिति ने फिर भी दोनों को परीक्षा केंद्र बनाने के लायक नहीं माना। ऐसे 16 कॉलेजों ने शासन से गुहार लगाई तो जनवरी में डीएम से आख्या मांगी गई। इनमें अतरौली के भी आठ थे। डीएम ने एसडीएम को लिखा। इनमें महीपाल सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अटा व एदल सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहाड़ीपुर भी शामिल थे। 23 जनवरी को इनकी रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई।
उलट रिपोर्ट
ताजा रिपोर्ट में महीपाल सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अटा में सिर्फ सात कमरे ही बताए गए हैं। तीन में 25-25 विद्यार्थी ही बैठ सकते हैं। दो जर्जर हैं। कॉलेज को केंद्र लायक नहीं माना गया। श्री एदल सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहाड़ीपुर में 12 कमरे बताए गए हैं। इसमें दो की छत टपक रही है। एक में भूसा भरा है। सात कमरों में फर्नीचर, लेकिन परीक्षा केंद्र के लायक नहीं।
उठे सवाल
एक ही अधिकारी की दो-दो रिपोर्ट से कई सवाल सामने हैं। पहली सही है या दूसरी? किसी कॉलेज की छवि पहले अच्छी थी तो अब खराब कैसे हो गई?
इनका कहना है
एसडीएम ने पहली जांच में मेरे यहां 14 कमरे दिखाए थे। दोबारा में पैसे नहीं दिए तो सात कमरे लिख दिए।
- मुकेश कुमार यादव, प्रबंधक, महिपाल सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अटा।
रिश्वत के आरोप गलत हैं। महिपाल सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अटा की जांच रिपोर्ट पहले भी सही भेजी थी, मगर जनपदीय समिति ने केंद्र नहीं बनवाया। दोबारा जांच में विद्यालय में सात कमरे मिले हैं।
- राजकुमार, एसडीएम, अतरौली।
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