जापानी मदद से सीवरेज वाटर प्लांट का सर्वे करेगी एएमयू
संतोष शर्मा, अलीगढ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) और जापान के नगोका यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोल
संतोष शर्मा, अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) और जापान के नगोका यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने देश के सभी सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के सर्वे का करार किया है। फरवरी से शुरू हो रहा सर्वे दो साल में पूरा हो जाएगा। इसकी रिपोर्ट से देश के सभी प्लांट की गुणवत्ता और तकनीक का खुलासा होगा। यह भी तय हो सकेगा कि क्या यह दूसरे के लिए उपयोगी हो सकती है? देश में शोधन नीति बनाने में भी इससे मदद मिलेगी। इसके लिए एएमयू और जापान के छात्र एक-दूसरे के यहां प्रशिक्षण भी लेने जाएंगे।
एएमयू और जापान के नगोका यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के बीच पिछले दिनों ही यह महत्वपूर्ण करार हुआ है। इसके तहत देश के सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का सर्वे किया जाएगा। प्लांट की तकनीक व शोधित पानी की गुणवत्ता की परख की जाएगी। इसके लिए एएमयू छात्रों की टीम बनाई जा रही है। सर्वे के बाद यह पहली ऐसी रिपोर्ट होगी, जो देश के हर प्लांट के बारे में विस्तृत जानकारी दे सकेगी। करार के तहत एएमयू और जापान के चार-चार छात्र एक-दूसरे के देश में शोध करेंगे। पहले एएमयू के छात्र जापान भेजे जाएंगे।
एएमयू लैब में जांच
एएमयू में सेफगार्डिग वाटर रिसोर्सेस इन इंडिया विद ग्रीन एंड सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी (स्विंग्स) नाम से प्लांट बनाया जा रहा है। स्विंग्स के तहत ही यहां के सिविल इंजीनिय¨रग डिपार्टमेंट में लैब बनाई गई है। इसे इंडो-यूरो वाटर टेक्नॉलोजी नाम दिया गया है। देशभर के ट्रीटमेंट प्लांट से जुटाए गए नमूनों की यहां ही जांच होगी।
इनसर्ट
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आगरा में मॉडल प्लांट
सिविल इंजीनिय¨रग डिपार्टमेंट प्रो. नदीम खलील के अनुसार जापान की मदद से आगरा में धांदूपुरा में अत्याधुनिक प्लांट बन रहा है। इसमें एएमयू की भी भागीदारी है। प्लांट की खासियत यह है कि यह मात्र 600 वर्ग गज में ही बनाया जाएगा। यह 10 हजार की आबादी के इस्तेमाल किए गंदे पानी को मात्र 12 घंटे में शुद्ध कर देगा। यह प्लांट बगैर बिजली के चलेगा। इसमें फोम का प्रयोग होगा। धांदूपुरा में यूएएसबी प्लांट पहले से है, जो 12 घंटे में पानी की आधी गंदगी ही हटा पाता है। नया प्लांट पानी को पूरी तरह से शुद्ध बनाएगा। इसके लिए एएमयू, आइआइटी रुड़की और जापान की टोहोकू यूनिवर्सिटी से बीच करार हुआ है।
इनका कहना है
एएमयू और जापान के बीच बेहद महत्वपूर्ण करार हुआ है। सर्वे से हम देश के सभी सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की गुणवत्ता जान सकेंगे। कोई प्लांट कम खर्च पर बढि़या काम कर रहा है तो दूसरे शहरों में लगाया जाएगा। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ी यह रिपोर्ट देश में नीति बनाने में भी मददगार होगी।
- प्रो. नदीम खलील, सिविल इंजीनिय¨रग डिपार्टमेंट, एएमयू।
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