एमफिल के छात्रों को पीएचडी में दाखिला नहीं
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : एएमयू के प्रशासनिक भवन के सामने तीन दिन से धरना दे रहे छात्र-छात्राओं को क
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : एएमयू के प्रशासनिक भवन के सामने तीन दिन से धरना दे रहे छात्र-छात्राओं को कुलपति जमीर उद्दीन शाह ने यह कहते हुए तगड़ा झटक दे दिया कि एम.फिल के छात्रों को पीएचडी में दाखिला नहीं दिया जाएगा। उन्होंने विकलांग छात्रों को जरूर पीएचडी में रजिस्ट्रेशन करने का एलान किया।
एएमयू में एमफिल के छात्र पीएचडी में दाखिला लेने के लिए यूनियन चुनाव से पहले आंदोलन कर रहे हैं। यूनियन चुनाव में भी छात्र नेताओं ने इसे भुनाया था। छात्रों की मांग है कि बिना प्रवेश परीक्षा के ही पीएचडी में दाखिला हो, क्योकि एक साल पहले तक ऐसा ही होता आया है। इंतजामिया उन्हें एमए के छात्रों के साथ प्रवेश परीक्षा में बिठाना चाहती है। इस पर छात्रों का कहना है कि अगर हमारी तुलना एमए के छात्रों से हुई तो एमफिल करने का क्या मतलब? इस मांग को लेकर छात्र-छात्राएं तीन दिन से धरना दे रहे हैं। कोर्ट मेंबर अदील अल्वी के हस्तक्षेप के बाद कुलपति धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि एमफिल के छात्रों को पीएचडी में सीधा प्रवेश नहीं मिलेगा। नेट व जेआरएफ वाले छात्रों की सूची उपलब्ध कराई जाए, उस विचार किया जाएगा। वहीं पीआरओ आफिस से जारी बयान में कहा है कि वीसी ने घोषणा की है कि सभी फिजिकल चेलेंज्ड अभ्यर्थियों को पीएचडी में रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जेआरएफ और एमफिल किए हुए हैं उनकी सूची उन्हें उपलब्ध कराई जाए ताकि उनकी समस्याओं पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार किया जा सके।
'नेतागिरी मत करो'
कोर्ट मेंबर आदिल अल्वी ने कुलपति के सामने कुछ नियमों का हवाला दिया तो उन्होंने साफ कह दिया कि नेतागिरी मत करो। अदील अल्वी ने कहा कि मैं नेतागीरी नहीं कर रहा। मेरी फैकल्टी के छात्र हैं, कोर्ट मेंबर के नाते उनकी समस्या लेकर आया हूं। बाद में अदील ने बताया कि वीसी को नेताओं से इतनी नफरत है तो उन्होंने चुनाव क्यों कराया? छात्रों की मांग को दबाया नहीं जा सकता।
जलाएंगे थीसिस
इंतजामिया के इस कदम से नाराज एमफिल छात्रों ने थीसिस को जलाने तक की धमकी दी है। कहा, न्याय नहीं मिला तो वह थीसिस व डिग्री को आग के हवाले कर देंगे। एमफिल छात्र अब्दुल वासिद का कहना था कि हम अपनी मांग जारी रखेंगे। जरूरत पड़ी तो गुरुवार से भूख हड़ताल भी करेंगे। दूसरी ओर यूनियन ने इस मामले में अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। बुधवार को कोई भी पदाधिकारी यहां नजर नहीं आया।