नई बस्ती में गंदगी की पुरानी समस्या
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : कहने के लिए नई बस्ती है, मगर दर्द बहुत पुराना है। सबसे बड़ी समस्या सफाई
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ :
कहने के लिए नई बस्ती है, मगर दर्द बहुत पुराना है। सबसे बड़ी समस्या सफाई व्यवस्था है। मुख्य मार्ग से गलियों तक सड़कों पर सफाई का वजूद नहीं मिलता। गलियों के मुहानों पर कूड़े के ढेर नगर निगम के दावों को जरूर मुंह चिढ़ाते नजर आ जाएंगे।
जीटी रोड पर हिंदू-मुस्लिम आबादी वाली नई बस्ती में जागरण टीम ने बुधवार को जायजा लिया तो नगर निगम के दावों का सच सामने था। नई बस्ती में घुसने वाले मार्ग पर कूड़े का ढेर लगा मिला। आगे चलने पर जितनी भी गलियां दिखीं, उनके मुहानों पर भी कूड़े के ढेरों से दुर्गध उठती नजर आई। कई ऐसे भी जगह देखने को मिले जहां उनकी नियति बन चुकी है कूड़े के ढेर से गुजरने की। महिलाएं मुंह पर कपड़ा या हाथ रखकर सफाई कर्मियों और अधिकारियों को कोसते हुए गुजरती दिखीं। ताज्जुब तब हुआ जब मस्जिद को जाने वाले मार्ग पर गंदगी और कूड़े का ढेर नजर आया।
मोहल्ले के रिहान ने बताया कि सफाई कर्मी नियमित रूप से नहीं आते। बार-बार नगर निगम जाकर कूड़ा उठवाने की गुहार लगानी पड़ती है। मुहर्रम में भी सफाई व्यवस्था चरमराई है। कन्हैया ने कहा कि सफाई कर्मी नियमित रूप से नहीं आते, यदि आते हैं तो औपचारिकता पूरी करके चले जाते हैं। सफाई करने के बाद कूड़े को सड़क पर इकट्ठा कर दिया जाता है, उसे उठाने की कोई नियमित व्यवस्था नहीं है। अधिकारियों को सफाई व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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कहां चल रहा अभियान
निगम के अधिकारी शहर में टीमें गठित कर सफाई अभियान चलाने का दावा कर रहे हैं। मगर, स्थानीय जनता इससे इत्तेफाक नहीं रखती। उनका कहना है कि अधिकारी ही बता सकते हैं कि अभियान कहां चल रहा है। हमें तो नियमित सफाई कर्मचारी भी नहीं दिखाई दे रहे।
इनका कहना है..
इलाके में सफाई अभियान शुरू हो गया है। सफाई कर्मियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सफाई निरीक्षकों की निगरानी में कार्य कराया जा रहा है।
-शैलेंद्र कुमार सिंह
नगर आयुक्त, नगर निगम।