हर विषय पर पकड़ रखते थे इब्ने सीना : सादिया
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : एएमयू के केनेडी हॉल में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर यूनानी मेडिसिन की अध्यक्
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ :
एएमयू के केनेडी हॉल में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर यूनानी मेडिसिन की अध्यक्ष व हमदर्द विश्वविद्यालय कराची (पाकिस्तान) की कुलाधिपति सादिया राशिद आई तो वो भावुक हो गई। सादिया बोलीं मेरे बड़े अब्बू हकीम अब्दुल हमीद एएमयू व हमदर्द विवि दिल्ली के कुलाधिपति रह चुके हैं। लिहाजा उन्हें इस इदारे में आकर फख्र महसूस हो रहा है।
शनिवार को एएमयू में इब्ने सीना के व्यक्तित्व व योगदान पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद सादिया ने कहा इब्ने सीना न केवल एक महान विद्वान थे बल्कि सभी विषयों के ज्ञानी भी थे। कहा, उनके अब्बू हकीम सईद ने कराची में हमदर्द विश्वविद्यालय की स्थापना की।
इब्ने सीना को भूले
जार्डन से आए डॉ. अहमद महमूद अल हुसैनी ने कहा कि अरब देशों ने औषधि के पितामह इब्ने सीना को भुला दिया है। मगर भारतीय उपमहाद्वीप में यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में उनको जीवित रखा है।
योगा पर दिया जोर
नेपाल के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति सलाहउद्दीन सिद्दीकी ने कहा इब्ने सीना ने बीमारियों के इलाज के लिए योगा पर भी जोर दिया था। नेपाल में भी जड़ी बूटियों की भंडार है। उन्होंने वादा किया वे नेपाली भाषा में इब्ने सीना के कायरें का अनुवाद कर प्रकाशित कराएंगे।
हृदय रोगियों के लिए यूनानी चिकित्सा बेहतर
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन के महानिदेशक प्रो. शाकिर जमील ने कहा हृदय रोग केबचाव का जो तरीका यूनानी चिकित्सा पद्धति में है। अगर उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन अपना ले तो रकम की बचत होगी और हृदय रोगियों को लाभ मिल सकता है।
कई इब्ने सीना पैदा हों
कुलपति जमीर उद्दीन शाह ने कहा यूनानी मेडिसिन संकाय के कायरें को वो वरीयता दे रहे हैं। इसलिए इस संस्था से कई इब्ने सीना पैदा होने चाहिए। इब्ने सीना अकादमी के संस्थापक पद्मश्री हकीम जिल्लुर्रहमान ने कहा इस अकादमी की स्थापना 2000 में हुई थी। इन चौदह वषरें में तीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इस मौके पर साइंस मैगजीन के संपादक मुहम्मद खलील को 25 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। छह पुस्तकों का विमोचन भी हुआ। सेमिनार में 11 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। संचालन एफ एस शीरानी व धन्यवाद ज्ञापित डॉ. सैय्यद जियाउर्रहमान ने किया।