प्रदूषण के गुनहगार हाजिर हों
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : शहर में सिल्ट से हो रहे प्रदूषण के मामले में उद्योग व्यापार संगठन की लड़ाई अंतिम दौर में है। सोमवार को दिल्ली स्थित ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम को चेतावनी देते हुए आठ सितंबर तक अपना पक्ष रखने का एक और मौका दे दिया।
शहर में नगर निगम नालों से सिल्ट निकालकर सड़कों पर फेंक देता है। यह सूखने के बाद सीधे लोगों की सांस नली में पहुंच जाती है। इससे सांस के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उद्योग व्यापार संगठन ने इसके विरुद्ध अप्रैल से आवाज उठानी शुरू की थी। इस बारे में नगर निगम से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्राचार किया, लेकिन किसी ने भी संगठन की आवाज नहीं सुनी। संगठन के महामंत्री अनुराग गुप्ता व्यापारियों के साथ इस मुद्दे को लेकर ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली ले गए। आठ जुलाई को अपील मंजूर कर ली गई। व्यापारियों ने याचिका में डीएम, नगर आयुक्त, सीएमओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पक्षकार बनाया था। ट्रिब्यूनल ने सभी विभागों को 25 अगस्त तक अपना पक्ष रखने को कहा।
संगठन के महामंत्री अनुराग गुप्ता ने बताया कि सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय व वाटर ट्रीटमेंट विभाग के वकील ही सुनवाई को पहुंचे थे। अलीगढ़ के डीएम, नगर आयुक्त, सीएमओ व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कोई भी अपना पक्ष रखने नहीं पहुंचा। अनुराग ने बताया कि ट्रिब्यूनल ने कहा है कि यदि आठ सितंबर तक इन विभागों ने अपना पक्ष नहीं रखा तो सख्त निर्णय लेने की संभावना है। सुनवाई के लिए दिल्ली जाने वालों में संगठन के उपाध्यक्ष अभय शर्मा, मंडल कोषाध्यक्ष उमेश श्रीवास्तव, युवा इकाई के महानगर प्रभारी सुधीर वाष्र्णेय थे।